पटना, 19 मई। देशभर में व्याप्त कोरोना संक्रमण को बिहार के ग्रामीण इलाकों में फैलने से रोकने के लिए राज्य सरकार ने अब ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सेवा लेने का फैसला किया है। इस क्रम में लगभग 15 हजार प्रशिक्षित ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को कोरोना मरीजों की पहचान और होम आइसोलेशन में इलाजरत रोगियों के सहयोग में लगाया जाएगा।
- स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रति मरीज 200 रुपये मिलेंगे
बिहार के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय ने बताया कि राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में संभावित कोरोना मरीजों की पहचान एवं होम आइसोलेशन में रह रहे रोगियों के सहयोग के लिए प्रशिक्षित ग्रामीण स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की सेवा लेने का निर्णय सरकार ने लिया है। ये स्वास्थ्य कार्यकर्ता सूचक सह ट्रीटमेंट सपोर्टर कहलाएंगे।
उन्होंने कहा कि इन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को प्रति मरीज 200 रुपये भुगतान किया जाएगा। इन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं को पहले ही प्रशिक्षण दिया जा चुका है। ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना के संभावित खतरे को देखते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने बीते दिनों इनसे सहयोग लेने का निर्देश दिया था।
विभाग का कहना है कि इन स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं से ग्रामीण क्षेत्रों में भी कोरोना मरीजों की ट्रैकिंग, ट्रेसिंग और जांच में स्वास्थ्य विभाग को सहायता मिलने के साथ-साथ पॉजिटिव मरीजों को भी तत्काल स्वास्थ्य सुविधाओं का पूरा लाभ मिल सकेगा।
- राज्य में अब भी 64 हजार से ज्यादा एक्टिव केस
इस बीच राज्य में कोरोना संक्रमितों की संख्या में कमी देखने को मिल रही है। बीते 24 घंटे के दौरान 6,286 नए केस दर्ज किए गए तो 111 लोगों की मौत हुई जबकि 11,174 लोग स्वस्थ घोषित किए गए। राज्य में फिलहाल 64,699 मरीज विभिन्न अस्पतालों या होम आइसोलेशन में इलाजरत हैं।