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फारूक अब्दुल्ला ने केंद्र पर साधा निशाना – ‘क्या वे 24 करोड़ मुसलमानों को चीन भेजेंगे?’

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श्रीनगर, 11 मार्च। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) के प्रमुख और जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। साथ ही उन्होंने मोदी सरकार से देश को धार्मिक आधार पर नहीं बांटने को कहा है।

घाटी में गैर भाजपा दलों की बैठक की अध्यक्षता करने के बाद जम्मू में मीडिया को संबोधित करते हुए वयोवृद्ध राजनेता अब्दुल्ला ने कहा कि समुदायों को एक-दूसरे के खिलाफ खड़ा नहीं किया जाना चाहिए। उन्हों कहा, ‘डर और नफरत की राजनीति नई नहीं है। वे 22-24 करोड़ मुसलमानों का क्या करेंगे? क्या वे उन्हें समुद्र में फेंक देंगे या उन्हें चीन भेज देंगे?’

हम सभी को गांधीजी के सिद्धांतों का पालन करना चाहिए

फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ‘गांधीजी ने राम राज्य के बारे में बात की। राम राज्य से उनका मतलब कल्याणकारी राज्य से था, जहां सभी को समान अवसर मिलेंगे और किसी के साथ भेदभाव नहीं किया जाएगा। हम सभी को गांधीजी के सिद्धांतों का पालन करना चाहिए।’

विधानसभा चुनाव व राज्य के दर्जे की बहाली के लिए चुनाव आयोग से मिलेंगे

85 वर्षीय अब्दुल्ला ने दिन में एक दर्जन से अधिक दलों के नेताओं के साथ बैठक की अध्यक्षता की। बैठक का समापन जम्मू-कश्मीर में समय से पहले विधानसभा चुनाव और उसके राज्य के दर्जे की बहाली के लिए दिल्ली में चुनाव आयोग से मिलने के निर्णय के साथ हुआ।

यह मुलाकात फारूक अब्दुल्ला के आवास पर हुई थी। बैठक के बाद उन्होंने कहा, आज जम्मू चैंबर ऑफ कॉमर्स ने प्रॉपर्टी टैक्स के खिलाफ बंद का आह्वान किया है। युवकों पर लाठीचार्ज किया जा रहा है। इससे पता चलता है कि जम्मू-कश्मीर में स्थिति अच्छी नहीं है।

जम्मू और कश्मीर को केंद्रशासित प्रदेश बनाना देश के लिए एक त्रासदी

अब्दुल्ला ने बैठक के बाद संवाददाताओं से कहा, जम्मू और कश्मीर को पूर्ण राज्य से केंद्रशासित प्रदेश बनाना देश के लिए एक त्रासदी है। उन्होंने कहा, ‘हम जल्द विधानसभा चुनाव कराने और राज्य का दर्जा बहाल करने में उनकी मदद लेने के लिए चुनाव आयोग से मिलने के लिए दिल्ली जाएंगे। हम राष्ट्रीय विपक्षी नेताओं से भी मिलेंगे।’

बैठक में मौजूद नेताओं में कांग्रेस अध्यक्ष विकार रसूल वानी, माकपा नेता एमवाई तारिगामी, पीडीपी नेता अमरीक सिंह रीन, नेशनल पैंथर्स पार्टी के नेता हर्ष देव सिंह, आम आदमी पार्टी (आप) के नेता और जिला विकास परिषद के सदस्य टी.एस. टोनी शामिल थे।

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