श्रीनगर, 5 जुलाई। जम्मू-कश्मीर की सियासत एक बार फिर करवट लेने के लिए तैयार है क्योंकि कभी धुर विरोधी रहे फारूक अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती ने अब एक साथ मिलकर प्रस्तावित राज्य विधानसभा चुनाव लड़ने फैसला किया है। नेशनल कॉन्फ्रेंस (एनसी) अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला और पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) चीफ महबूबा मुफ्ती ने एक संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में यह घोषणा की।
गुपकार घोषणापत्र गठबंधन संयुक्त रूप से लड़ेगा विधानसभा चुनाव
जम्मू समेत कश्मीर घाटी में अपनी मजबूत साख रखने वाले दोनों दलों ने कहा कि गुपकार घोषणापत्र गठबंधन (पीएजीडी) जम्मू-कश्मीर में संयुक्त रूप से विधानसभा चुनाव लड़ेगा। पीडीपी और नेशनल कॉन्फ्रेंस दोनों पीएजीडी के प्रमुख घटक दल हैं।
पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ‘हम कश्मीर की आवाम के लिए एक साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे। इस ग्रुप का सिर्फ एक राजनीतिक दल है, जिसने कहा कि उसने गठबंधन छोड़ दिया है जबकि सच्चाई यह है कि वह कभी गठबंधन का हिस्सा था ही नहीं। वो तो हमें भीतर से तोड़ने आए थे।’
घाटी में अमन-चैन कायम करना हमारा मकसद : फारूक अब्दुल्ला
फारूक अब्दुल्ला ने कहा, ‘नेशनल कॉफ्रेंस और पीडीपी चुनाव के लिए कमर कस चुके हैं। हमारा मसकद घाटी में अमन-चैन कायम करना है और दिल्ली में बैठ लोग जिस तरह से खामोशी लाना चाहते हैं, वो केवल मातम से आ सकती है। अगर घाटी के लोगों के चेहरों पर मुस्कान लानी है को उसके लिए उन्हें हक की सरकार चाहिए और हम इसे लेकर रहेंगे।’
घाटी में सियासत फिर से मजबूत करने के लिए हमने हाथ मिलाया : महबूबा
प्रेस कांफ्रेंस साझा कर रहीं पीडीपी अध्यक्ष और पूर्व मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती ने भी घाटी में सियासत को फिर से मजबूत करने के लिए नेशनल कांफ्रेंस के साथ जाने की बात कही। महबूबा ने कहा, ‘हम एक साथ चुनाव लड़ने का इरादा रखते हैं क्योंकि यह लोगों की इच्छा है कि हमें अपनी खोई हुई गरिमा की बहाली के लिए मिलकर प्रयास करना चाहिए।’
फारूक अब्दुल्ला ने एक पत्रकार के सवाल के जवाब में भाजपा पर हमला करते हुए कहा कि सरकार जब चाहे चुनाव करा सकती है। पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि जब बाढ़ आई थी, तब भी यहां चुनाव हुए थे तो फिर अब चुनाव क्यों नहीं हो सकते? सवाल चुनाव का नहीं है, सवाल यह है कि वो चुनाव कैसे लड़ना चाहते हैं।
अमरनाथ यात्रा के बारे में पूछे जाने पर अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर की आवाम ने सालों से अमरनाथ तीर्थयात्रा का सुचारू तरीके से चलाने के लिए पूरे दिल से काम किया है। उन्होंने कहा कि यह बात न भूलिए कि अमरनाथ की गुफा की खोज करने वाला व्यक्ति कौन था? वह पहलगाम का ही रहने वाला मुसलमान था।