मुंबई, 26 फरवरी। मशहूर गजल गायक पंकज उधास का आज यहां निधन हो गया। 72 वर्षीय पंकज उधास पैंक्रियाज के कैंसर से लंबे समय से जूझ रहे थे। उन्होंने पूर्वाह्न लगभग 11 बजे ब्रीच कैंडी अस्पताल में अंतिम सांस ली। गायक की बेटी नायाब उधास ने एक बयान जारी कर पिता के निधन की सूचना दी।
मुंबई में मंगलवार को किया जाएगा अंतिम संस्कार
नायाब उधास ने लिखा, – ‘बहुत भारी मन से, हम आपको लंबी बीमारी के चलते 26 फरवरी, 2024 को पद्मश्री पंकज उधास के दुखद निधन की जानकारी देते हुए दुखी हैं।’ प्राप्त जानकारी के अनुसार पंकज उधास को चार माह पहले पता चला था उन्हें कैंसर से पीड़ित हैं और वह पिछले कुछ माह से किसी से मिल नहीं रहे थे। उनका अंतिम संस्कार मंगलवार को मुंबई में किया जाएगा।
पीएम मोदी ने दी श्रद्धांजलि
पंकज उधास के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया है। उन्होंने एक्स पर दिवंगत सिंगर के साथ कुछ फोटोज शेयर कर उन्हें श्रद्धांजलि दी है। पीएम मोदी ने लिखा – ‘हम पंकज उधास जी के निधन पर शोक जाहिर करते हैं, जिनकी गायिकी कई तरह की भावनाओं को जाहिर करती थीं और जिनकी गजलें सीधे आत्मा से बात करती थीं, वह भारतीय संगीत के एक प्रकाश स्तंभ थे, जिनकी धुनें पीढ़ियों से चली आ रही थीं। मुझे पिछले कुछ सालों में उनके साथ हुई अपनी अलग-अलग बातचीत याद हैं। उनके जाने से संगीत जगत में एक खालीपन आ गया है, जिसे कभी नहीं भरा जा सकेगा। उनके परिवार और फैंस के लिए संवेदनाएं। ओम शांति।’
We mourn the loss of Pankaj Udhas Ji, whose singing conveyed a range of emotions and whose Ghazals spoke directly to the soul. He was a beacon of Indian music, whose melodies transcended generations. I recall my various interactions with him over the years.
His departure leaves… pic.twitter.com/5xL6Y3Sv75
— Narendra Modi (@narendramodi) February 26, 2024
रातोंरात मिली थी शोहरत
पंकज उधास गजल गायिकी की दुनिया में एक बड़ा नाम थे। उन्हें ‘चिट्ठी आई है’ गजल से शोहरत मिली। यह गजल 1986 में रिलीज हुई फिल्म ‘नाम’ में थी। पंकज ने कई गजलों को अपनी आवाज दी, जिनमें ‘ये दिल्लगी’, ‘फिर तेरी कहानी याद आई’, ‘चले तो कट ही जाएगा’ और ‘तेरे बिन’ शामिल है। इसे अलावा ‘ना कजरे की धार’, ‘चांदी जैसा रंग है तेरा’ पंकज के यादगार गानों में शुमार हैं।
इन पुरस्कारों से नवाजे गए पंकज
पंकज उधास ने सिंगिंग में अपना लोहा मनवाया और अपनी बेहतरीन आवाज के लिए उन्हें कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया। इनमें सबसे अहम पद्मश्री अवॉर्ड है, जो उन्हें 2006 में दिया गया था।
सिंगिंग बैकग्राउंड से ताल्लुक रखते थे उधास
पंकज उधास का जन्म 17 अप्रैल, 1951 को गुजरात के सर्वकुंड में हुआ था। वह शुरू से ही एक सिंगिंग बैकग्राउंड से ताल्लुक रखते थे। उनके बड़े भाई मनहर उधास बॉलीवुड में पहले से ही प्लेबैक सिंगर के तौर पर जाने जाते थे। उनके दूसरे भाई निर्मल उधास भी एक बेहतरीन गजल गायक थे।
जब ईनाम के तौर पर मिले थे 51 रुपये
पंकज उधास के बड़े भाई मनहर रंगमंच के एक एक्टर भी थे। पंकज ने उनके साथ काम किया और अपने पहले रंगमंच पर ‘ऐ मेरे वतन के लोगों गाया’ और ऑडियंस उनकी आवाज की कायल हो गई। तब एक दर्शक ने ईनाम के तौर पर पंकज को 51 रुपये दिए थे। बाद में पंकज उधास ने संगीत नाट्य अकादमी ज्वॉइन की और तबला बजाना सीखा। सेंट जेवियर्स कॉलेज से ग्रेजुएट होने के बाद उन्होंने एक बार में भी काम किया था।