नई दिल्ली, 7 जनवरी। दिल्ली के कंझावला कांड की प्रत्यक्षदर्शी निधि को लेकर दिल्ली पुलिस ने दावा किया है कि उसको साल 2020 में एक ड्रग तस्करी मामले में गिरफ्तार किया गया था और वह फिलहाल जमानत पर बाहर है।
गौरतलब है कि निधि ही घटना की एक चश्मदीद है, जो पीड़िता (अंजलि) की स्कूटी पर पीछे बैठी थी और हादसे के वक्त वह फरार हो गई थी। इस हादसे में एक कार ने अंजलि को कई किमी तक घसीटा था, जिससे उसकी दर्दनाक मौत हो गई।
ट्रेन से गांजा लाने में हुई थी निधि की गिरफ्तारी
दिसम्बर, 2020 में दर्ज एक प्राथमिकी के अनुसार निधि को आगरा में एक नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट, (1985) मामले में गिरफ्तार किया गया था। पुलिस सूत्रों ने कहा कि वर्तमान में निधि जमानत पर बाहर है। निधि को छह दिसंबर, 2020 को आगरा रेलवे स्टेशन पर तेलंगाना से ट्रेन से गांजा (ड्रग्स) लाने के आरोप में रोका गया था और फिर गिरफ्तार किया गया था। निधि के साथ समीर और रवि नाम के दो लड़कों को भी गिरफ्तार किया गया था।
दिल्ली पुलिस का स्पष्टीकरण- निधि की गिरफ्तारी नहीं, पूछताछ के लिए बुलाया गया
इस बीच, कंझावला मामले में दिल्ली पुलिस ने कहा कि निधि को जांच में शामिल होने के लिए कहा गया है। हालांकि दिल्ली पुलिस ने यह स्पष्ट किया कि उसे गिरफ्तार नहीं किया गया है। मीडिया में ऐसी खबरें थीं कि निधि (चश्मदीद) को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। इस पर पुलिस ने कहा कि यह स्पष्ट किया जाता है कि उसे जांच में शामिल होने के लिए बुलाया है।
निधि ने मृतका अंजलि को ही दोषी ठहराया था
घटना के वक्त अंजलि के साथ मौजूद निधि ने मीडिया को बताया था कि घटना के दिन अंजलि नशे में थी। निधि ने बताया था कि हादसे के वक्त मृतका नशे में थी और स्कूटी चलाने पर जोर दे रही थी। कार की चपेट में आने के बाद वह कार के नीचे आ गई और उसके साथ घिसटती चली गई। मैं डर गई और वहां से भागकर घर चली गई। किसी से कुछ नहीं कहा।’
निधि ने अंजलि को ही दोषी ठहराया था कि वह नशे की हालत में गाड़ी चला रही थी। उसने कहा, ‘मैंने जोर देकर कहा कि उसे गाड़ी नहीं चलानी चाहिए। मैं होश में हूं, मुझे ड्राइव करने दो। उसने मुझ पर भरोसा नहीं किया और इसकी बजाय खुद पर भरोसा किया।’
पुलिस 6 आरोपितों को पहली ही गिरफ्तार कर चुकी है
पुलिस इस मामले में दीपक खन्ना (26), अमित खन्ना (25), कृष्ण (27), मिथुन (26) और मनोज मित्तल को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। बाद में, आशुतोष को बुध विहार से गिरफ्तार किया गया जबकि मामले में अन्य आरोपित अंकुश खन्ना ने शुक्रवार शाम को सुल्तानपुरी थाना पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया।
सीसीटीवी फुटेज खंगालने के बाद पुलिस ने पाया था कि आशुतोष और अंकुश आरोपितों को कथित तौर पर बचाने का प्रयास कर रहे थे। विशेष पुलिस आयुक्त (कानून व्यवस्था) सागर प्रीत हुड्डा ने कहा, ‘सुल्तानपुरी मामले में छठे आरोपित आशुतोष को गिरफ्तार किया गया है, जिसने पुलिस को गलत जानकारी दी थी। विस्तृत जांच चल रही है।’