अयोध्या, 20 जनवरी। राम मंदिर ‘प्राण प्रतिष्ठा’ समारोह से पहले राम जन्मभूमि के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येंद्र दास ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि जहां नई मूर्ति है वहीं प्राण प्रतिष्ठा के नियम हो रहे हैं। अभी शरीर को कपड़े से ढंक दिया गया है, जो आंख खुली हुई मूर्ति दिखाई गई वो सही नहीं है। प्राण प्रतिष्ठा से पहले नेत्र नहीं खुलेंगे। यदि ऐसी तस्वीर आ रही है तो इसकी जांच होगी कि ऐसा किसने किया है।
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार भगवान राम की मूर्ति पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास ने कहा कि प्राण प्रतिष्ठा पूरी होने से पहले भगवान राम की मूर्ति की आंखें दिखाई नहीं जा सकतीं। जिस मूर्ति में भगवान राम की आंखें देखी जा सकें, वह असली मूर्ति नहीं है। अगर आंखें देखी जा सकती हैं तो आंखें किसने दिखाईं और मूर्ति की तस्वीरें कैसे वायरल हो रही हैं, इसकी जांच होनी चाहिए।
राम मंदिर ‘प्राण प्रतिष्ठा’ से पहले पीएम मोदी के 11 दिवसीय ‘अनुष्ठान’ पर श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के मुख्य पुजारी आचार्य सत्येन्द्र दास कहते हैं कि “जो व्यक्ति ‘अनुष्ठान’ करता है उसे फर्श पर सोना होता है, झूठ नहीं बोलता, ‘गायत्री मंत्र’ का जप करता है। पत्ते पर भोजन करना होता है और ‘ब्रह्मचर्य’ का पालन करना होता है।
आपको बता दें कि गुरुवार की देर रात श्रीराम मंदिर के गर्भगृह से रामलला की नई तस्वीर सामने आई थी। इस तस्वीर में भगवान का चेहरा ढककर रखा गया था। इसके बाद शुक्रवार की सुबह नौ बजे एक और तस्वीर सामने आई। इस तस्वीर में उनके पूरे स्वरूप को देखा जा सकता है। रामलला एक हाथ में धनुष और दूसरे हाथ में बाण धारण किए हैं। रामलला की प्राण प्रतिष्ठा के अनुष्ठान के चौथे दिन शुक्रवार को सुबह नौ बजे अरणि मंथन से अग्नि प्रकट की गई।