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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किया खुलासा – ‘मेरे पिता भी 1984 में अपहृत विमान में सवार थे’

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जेनेवा, 13 सितम्बर। विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने शुक्रवार को खुलासा किया कि उनके पिता 1984 में अपहृत विमान में सवार थे और कहा कि ऐसी परिस्थितियों में उनके पास ‘दोनों पक्षों’ परिवार के सदस्यों और सरकार में बैठे लोगों के दृष्टिकोण को लेकर एक अनोखा नजरिया था। जयशंकर यहां एक कार्यक्रम के दौरान 1999 में आईसी814 के अपहरण पर हाल में जारी टेलीविजन सीरीज के बारे में पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे।

डॉ. जयशंकर ने कहा, ‘कैसे एक युवा अधिकारी के रूप में मैं उस टीम का हिस्सा था, जो अपहरण के मामले से निबट रही थी। वहीं दूसरी तरफ, मैं उन परिवारों के सदस्यों में शामिल था, जो अपहरण के बारे में सरकार पर दबाव डाल रहे थे।’

भारतीय समुदाय को संबोधित करने के बाद प्रश्नोत्तर सत्र के दौरान, श्रोताओं में से एक ने विदेश मंत्री से ‘नेटफ्लिक्स’ पर हाल में आई सीरीज ‘आईसी814 : द कंधार हाईजैक’ पर उनकी टिप्पणी मांगी थी। जयशंकर ने यह कहते हुए इस सवाल का जवाब देने से इनकार कर दिया कि उन्होंने यह सीरीज नहीं देखी है।

गौरतलब है कि पांच जुलाई, 1984 को इंडियन एयरलाइंस के विमान को पठानकोट से अपहरण कर दुबई ले जाया गया। लगभग 36 घंटे के बाद 12 खालिस्तान समर्थक अपहरणकर्ताओं ने अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण कर दिया। सभी 68 यात्रियों और छह चालक दल के सदस्यों को बिना किसी नुकसान के रिहा कर दिया गया।

उस वक्त जयशंकर एक आईएफएस अधिकारी थे और सेवानिवृत्ति के बाद केंद्र सरकार में मंत्री बने। उनके पिता के. सुब्रह्मण्यम एक आईएएस अधिकारी थे और रणनीतिक मुद्दों पर नियमित रूप से टिप्पणी किया करते थे।

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