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विदेश मंत्री जयशंकर ने मॉस्को में कहा – भारत व रूस के संबंध असाधारण रूप से दृढ़

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मॉस्को, 8 नवम्बर। युद्धग्रस्त यूक्रेन में शांति स्थापित करने की भारतीय भूमिका को लेकर अमेरिका में जारी अटकलों के बीच विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर दो दिवसीय यात्रा पर रूस की राजधानी मॉस्को पहुंचे। उन्होंने मंगलवार को रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव से मुलाकात की और दोनों नेताओं के बीच आपसी हितों के द्विपक्षीय, क्षेत्रीय और वैश्विक मुद्दों पर बातचीत की।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने कहा कि भारत और रूस के संबंध ‘असाधारण’ रूप से दृढ़ और समय की कसौटी पर खरे साबित हुए हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अब आर्थिक सहयोग बढ़ने की पृष्ठभूमि में अब दोनों देशों का उद्देश्य संतुलित, परस्पर लाभकारी और दीर्घकालिक साझेदारी के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना होना चाहिए।

दोनों देशों की सरकारों के बीच विभिन्न स्तरों पर मजबूत और सतत संपर्क

जयशंकर ने कहा कि विभिन्न स्तरों पर दोनों देशों की सरकारों के बीच मजबूत और सतत संपर्क हैं। उन्होंने कोविड-19 महामारी, यूक्रेन संघर्ष के अलावा आतंकवाद, जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों आदि का भी उल्लेख किया। उन्होंने कहा, ‘जहां तक अंतरराष्ट्रीय स्थिति का प्रश्न है, पिछले कुछ वर्षो में कोविड महामारी, वित्तीय दवाब और कारोबारी परेशानियों का वैश्विक अर्थव्यवस्था पर प्रभाव पड़ा है।’

उन्होंने कहा, ‘अब हम यूक्रेन संघर्ष के परिणामों को इस मामले में सबसे ऊपर देख रहे हैं। आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन के हमेशा बने रहने वाले मुद्दे भी हैं, जिनका प्रगति तथा समृद्धि पर बाधाकारी असर होता है। हमारी वार्ता में समग्र वैश्विक स्थिति और विशिष्ट क्षेत्रीय चिंताओं पर ध्यान दिया जाएगा।’

उन्होंने कहा, ‘बढ़ते बहुध्रुवीय और पुन: संतुलित विश्व में भारत और रूस एक दूसरे के सम्पर्क में हैं। हम ऐसा कर रहे हैं क्योंकि दोनों के बीच संबंध असाधारण रूप से दृढ़ और समय की कसौटी पर खरे साबित हुए हैं। मैं अपनी बातचीत को लेकर आशान्वित हूं।’

यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद जयशंकर की पहली मॉस्को यात्रा

जयशंकर की रूस यात्रा काफी महत्वपूर्ण मानी जा रही है क्योंकि यह इंडोनेशिया के बाली में होने वाली जी20 समूह की शिखर बैठक से एक सप्ताह पहले हो रही है, जहां यूक्रेन संघर्ष एवं इसके प्रभाव को लेकर सघन चर्चा होना तय माना जा रहा है। यूक्रेन संघर्ष शुरू होने के बाद जयशंकर की यह पहली मॉस्को यात्रा है।

विदेश मंत्री ने कहा, ‘हमारी बैठक हमारे संबंधों का आकलन करने और वैश्विक परिस्थितियों पर एक दूसरे के नजरिए को समझने के लिए है। जहां तक द्विपक्षीय संबंधों की बात है, हमारा उद्देश्य एक संतुलित, परस्पर लाभकारी और दीर्घकालिक साझेदारी के निर्माण पर ध्यान केंद्रित करना है।’

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