नई दिल्ली, 10 जुलाई। दिल्ली नगर निगम का चुनाव वर्ष 2023 से पहले संभव नहीं है। विशेषज्ञों का कुछ ऐसा ही मानना है क्योंकि केंद्र दिल्ली में नगर निगम के सभी वार्डों का फिर से परिसीमन कर रहा है और निर्वाचन क्षेत्रों का पुनर्निर्धारण एक ‘व्यापक कार्य’ है। ऐसे में शहर में संभवत: अगले एक और साल तक निकाय चुनाव नहीं हो सकेंगे।
गौरतलब है दिल्ली में निकाय चुनाव इसी वर्ष अप्रैल में होने वाले थे, लेकिन गत 22 मई को राष्ट्रीय राजधानी के तीनों नगर निगमों को एकल नगर निकाय के रूप में एकीकृत किए जाने के कारण चुनाव स्थगित कर दिए गए थे।
वार्ड परिसीमन के लिए गृह मंत्रालय ने गठित की 3 सदस्यीय समिति
दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) द्वारा जारी एक बयान के अनुसार केंद्रीय गृह मंत्रालय ने दिल्ली में नगर निगम के वार्ड परिसीमन के लिए तीन सदस्यीय आयोग का गठन किया है। दिल्ली के राज्य निर्वाचन आयुक्त विजय कुमार देव को इस आयोग का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। इस कार्य से दिल्ली में निकाय चुनावों का मार्ग प्रशस्त होगा, जो मई में तीन निगमों के फिर से एकीकरण के बाद पहला चुनाव होगा।
परिसीमन में लग सकता है एक या डेढ़ वर्ष : राकेश मेहता
दिल्ली के पूर्व मुख्य सचिव राकेश मेहता ने कहा, ‘परिसीमन एक ‘व्यापक कार्य’ है और इसमें एक या डेढ़ वर्ष लग सकता है। इसके अलावा, आमजन कुछ आपत्तियां उठा सकते हैं और जनप्रतिनिधि भी आयोग को सुझाव दे सकते हैं, इसलिए मुझे नहीं लगता कि अब से कम से कम एक वर्ष तक चुनाव हो सकते हैं।’
परिसीमन की कवायद कितनी जल्दी पूरी की जा सकती है?इस सवाल पर पूर्व राज्य निर्वाचन आयुक्त मेहता ने कहा, ‘यह इस बात पर निर्भर करता है कि कौन यह काम कर रहा है और उन्हें कितना समय लगेगा। कोई इसे कम समय में भी कर सकता है। जब मैं राज्य निर्वाचन आयुक्त था, तब मुझे यह काम करने में डेढ़ साल का समय लगा था।’
संसद ने ‘दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2022’ को 5 अप्रैल को मंजूरी दी थी
संसद ने राष्ट्रीय राजधानी के तीनों नगर निगमों के एकीकरण के प्रावधान वाले ‘दिल्ली नगर निगम (संशोधन) विधेयक, 2022’ को पांच अप्रैल को मंजूरी दी थी। विधेयक के अनुसार, नगर निगमों के एकीकरण से समन्वित एवं रणनीतिक योजना बनाई जा सकेगी और संसाधनों का अधिकतम उपयोग सुनिश्चित होगा।