Site icon hindi.revoi.in

विशेषज्ञों का मत – कोरोना की नेचुरल वैक्सीन बनेगा ओमिक्रॉन, अब खत्म हो जाएगी महामारी!

Social Share

नई दिल्ली, 30 दिसंबर। दक्षिण अफ्रीकी वैज्ञानिकों क कहना है कि कोविड-19 के ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित होकर उबर चुके लोग डेल्टा वैरिएंट और उसके बाद के संक्रमणों को दूर करने में सक्षम हो सकते हैं। वैज्ञानिकों का यह तथ्य एक अध्ययन में सामने आया है।

वैज्ञानिकों का यह भी कहना है कि ओमिक्रॉन के मामलों में कुछ दिनों तक बढ़ोतरी संभव है, लेकिन लंबे वक्त की बात करें तो इससे संक्रमित होने पर हॉस्पिटल में भर्ती होने की नौबत नहीं आने की अधिक संभावना रहेगी और मौत भी बहुत कम होंगी। यह भी बताया गया है कि ओमिक्रॉन वैरिएंट पिछले अन्य वैरिएंट की तुलना में बहुत कम नुकसान पहुंचा रहा है।

डेल्टा वैरिएंट को हटा रहा कोरोना का ओमिक्रॉन स्वरूप

डरबन में अफ्रीका हेल्थ रिसर्च इंस्टीट्यूट के एक वायरोलॉजिस्ट एलेक्स सिगल ने बताया, ‘ओमिक्रॉन वैरिएंट डेल्टा वैरिएंट को हटा रहा है। हो सकता है कि डेल्टा वैरिएंट को हटाना वाकई अच्छी बात हो। हमारी स्टडी से पता चला है कि हम ओमिक्रॉन वैरिएंट के साथ अधिक आसानी से रह सकते हैं। ये वैरिएंट हमें अन्य पिछले वैरिएंट की तुलना में बहुत कम नुकसान पहुंचाएगा।’

दूसरी तरफ लंदन स्कूल ऑफ हाइजीन एंड ट्रॉपिकल मेडिसिन के एक महामारी विज्ञानी कार्ल पियर्सन ने कहा है कि हालांकि ये रिपोर्ट शुरुआती है, लेकिन यह सच है कि ओमिक्रॉन आता है तो तेजी से फैलता है और डेल्टा वैरिएंट का सफाया होने लगता है।

वहीं येल स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के एक महामारी वैज्ञानिक नाथन ग्रुबॉघ ने कहा, ‘हम कनेक्टिकट में एक ही पैटर्न देख रहे हैं। हम देख रहे हैं कि ओमिक्रॉन तेजी से बढ़ रहा है और डेल्टा के मामले कम होते जा रहे हैं।’

ओमिक्रॉन वैरिएंट में हाई लेवल के एंटीबॉडी?

वैज्ञानिकों ने ओमिक्रॉन वैरिएंट से उबर गए लोगों पर अपनी स्टडी की यह भी पाया कि उनमें हाई लेवल के एंटीबॉडी थे। ये एंटीबॉडी डेल्टा जैसे खतरनाक वैरिएंट के खिलाफ भी बेहद प्रभावी साबित हुए। ऐसे में कोरोना वायरस का ओमिक्रॉन वैरिएंट इस घातक महामारी के खत्म होने का कारण बन सकता है।

हालांकि वैज्ञानिकों के अनुसार यह देखना बाकी है कि बिना टीकाकरण वाले लोगों पर क्या असर होता है, यदि वे ओमिक्रॉन वैरिएंट से संक्रमित होते हैं। भले ही ओमिक्रॉन वैरिएंट डेल्टा का सफाया कर दे, लेकिन इसका मतलब यह नहीं कि वह कई पीढ़ियों तक सुप्रीम बना रहेगा।

Exit mobile version