नई दिल्ली, 5 सितम्बर। उच्चतम न्यायालय ने कथित आबकारी नीति घोटाले में केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल की गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली तथा जमानत का अनुरोध करने वाली याचिकाओं पर बृहस्पतिवार को सुनवाई शुरू की। मुख्यमंत्री की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने न्यायमूर्ति सूर्यकांत और न्यायमूर्ति उज्ज्वल भुइयां की पीठ से कहा कि केजरीवाल का नाम सीबीआई की प्राथमिकी में नहीं है और इसके अलावा उनके भागने का खतरा भी नहीं है।
सिंघवी ने कहा कि शीर्ष अदालत ने धन शोधन मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत देते हुए कहा था कि मुख्यमंत्री समाज के लिए खतरा नहीं हैं। उन्होंने कहा, ‘‘अगस्त 2023 में जो शुरू हुआ, वह इस साल मार्च में धनशोधन मामले में गिरफ्तारी का कारण बना।’’ सिंघवी ने कहा कि शीर्ष अदालत और एक अधीनस्थ अदालत ने पहले ही उन्हें जमानत दे दी है। मामले की सुनवाई जारी है।
शीर्ष अदालत ने 23 अगस्त को सीबीआई को मामले में जवाबी हलफनामा दायर करने की अनुमति दी थी और केजरीवाल को प्रत्युत्तर के लिए दो दिन का समय दिया था। केजरीवाल ने जमानत से इनकार किए जाने के खिलाफ और मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी के खिलाफ दो अलग-अलग याचिकाएं दायर की हैं।
उन्होंने अपनी गिरफ्तारी को बरकरार रखने के दिल्ली उच्च न्यायालय के पांच अगस्त के आदेश को चुनौती दी है। आम आदमी पार्टी (आप) संयोजक को 26 जून को सीबीआई ने गिरफ्तार किया था। शीर्ष अदालत ने 14 अगस्त को मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया था और गिरफ्तारी को चुनौती देने वाली उनकी याचिका पर एजेंसी से जवाब मांगा था।