लखनऊ, 3 जून। बच्चों के लिए ज्यादा खतरनाक मानी जा रही कोरोना महामारी की आशंकित तीसरी लहर के मद्देनजर उत्तर प्रदेश सरकार ने भी अंततः उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद (यूपी बोर्ड) की 12वीं कक्षा की परीक्षा रद करने का फैसला ले लिया। 10वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा पहले ही रद कर दी गई थी।
गौरतलब है कि दो दिन पहले सीबीएसई और आईसीएसई की 12वीं की परीक्षा रद की गई थी। उसके बाद गुजरात, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गोवा, उत्तराखंड व हरियाणा समेत कई राज्यों के शिक्षा बोर्ड अपनी परीक्षाएं रद कर चुके हैं। यूपी बोर्ड ने हालांकि जुलाई के मध्य में परीक्षा आयोजित करने की योजना बनाई थी, लेकिन चौतरफा दबाव के बीच उसे भी ऐसा फैसला लेना पड़ा।
- 12वीं कक्षा में 26 लाख से ज्यादा विद्यार्थी थे पंजीकृत
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अगुआई में गुरुवार को हुई टीम-9 की एक बैठक इस आशय का फैसला किया गया। उप मुख्यमंत्री और माध्यमिक शिक्षा मंत्री डॉ. दिनेश शर्मा हालांकि कोरोना नियंत्रण के लिए गठित इस टीम के सदस्य नहीं हैं, फिर भी वह बोर्ड की परीक्षाओं को लेकर बैठक में शामिल हुए। 12वीं की बोर्ड परीक्षा के लिए इस वर्ष 26,09,501 विद्यार्थी पंजीकृत थे।
- प्रोन्नति के लिए 10वीं कक्षा जैसा फॉर्मूला लागू होगा
राज्य सरकार के फैसले के बाद अब यूपी बोर्ड 12वीं कक्षा के विद्यार्थियों को भी उसी आधार पर प्रोन्नत करेगा, जैसे 10वीं कक्षा का रिजल्ट तैयार किया गया है। यानी छात्रों को प्री-बोर्ड परीक्षा और 11वीं की फाइनल परीक्षा में अर्जित अंकों के आधार पर प्रोन्नत किया जाएगा। किसी ने यदि प्री-बोर्ड परीक्षा नहीं दी है तो उसे 11वीं और 10वीं कक्षाओं की परीक्षा के आधार पर प्रमोट किया जाएगा।
10वीं कक्षा के छात्रों को भी नौवीं के अंक और प्री-बोर्ड परीक्षा में अर्जित अंकों के आधार पर उत्तीर्ण किया गया है। बोर्ड ने यह भी स्पष्ट किया है कि 10वीं या 12वीं के जो छात्र बाद में परीक्षा देना चाहेंगे, उनके लिए ऐसी सुविधा होगी, फिलहाल वे अभी प्रोन्नत कर दिए जाएंगे।