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गुजरात : मतदान खत्म होने के बाद भी नहीं थम रही राज्य भजपा की अंदरूनी कलह, अमरेली में भिड़े दो नेता

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अमरेली, 12 मई। गुजरात की सभी लोकसभा सीटों के लिए मतदान संपन्न हो चुका है, लेकिन राज्य भाजपा में उभरी अंदरूनी कलह थमने का नाम नहीं ले रही है। इसी क्रम में अमरेली लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार भरत सुतारिया और मौजूदा सांसद नारन कछाड़िया के बीच टिकट वितरण को लेकर आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है।

पिछले तीन बार के विजेता कछाड़िया का टिकट इस बार कट गया था

दरअसल, अमरेली में भाजपा ने बार तीन बार के सांसद नारन कछाड़िया को इस बार हटा दिया था और उनकी जगह अमरेली जिला पंचायत के अध्यक्ष सुतारिया को उम्मीदवार बनाया था। शीर्ष नेतृत्व के इसी फैसले ने विवाद का रूप ले लिया। कछाड़िया ने 2009, 2014 और 2019 में अमरेली से जीत हासिल की थी। पिछले लोकसभा चुनाव में उन्होंने कांग्रेस के परेश धनानी को करीब दो लाख वोटों के अंतर से हराया था।

कछाड़िया ने कम वोटिंग के लिए उम्मीदवार सुतारिया को ठहराया जिम्मेदार

हालांकि कछाड़िया के उस बयान से यह विवाद खुलकर सामने आ गया, जिसमें उन्होंने खराब मतदान प्रतिशत के लिए पार्टी उम्मीदवार सुतारिया को ही जिम्मेदार ठहरा दिया। सांसद ने यह भी दावा किया कि कार्यकर्ता पार्टी के फैसले से खुश नहीं थे। मतदान के कुछ दिनों बाद कछाड़िया ने अमरेली जिले के सावरकुंडला में पार्टी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए अपनी भड़ास निकाली। उन्होंने अपनी नाराजगी जताई, जिसका एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है।

सुतारिया बोले – शीर्ष नेतृत्व और संसदीय बोर्ड का अपमान कर रहे कछाड़िया

वहीं भाजपा उम्मीदवार भरत सुतारिया ने अपनी उम्मीदवारी पर सवाल उठाने वाले कछाड़िया पर पलटवार करते हुए कहा कि मौजूदा सांसद भाजपा के शीर्ष नेतृत्व और उसके संसदीय बोर्ड का अपमान कर रहे हैं। सुतारिया ने रविवार को कछाड़िया की आलोचना की और आरोप लगाया कि उन्होंने उनके चयन पर सवाल उठाकर भाजपा के शीर्ष नेतृत्व और उसके संसदीय बोर्ड का अपमान किया है।

गौरतलब है कि गुजरात की 26 लोकसभा सीटों में से 25 सीटों पर गत सात मई को तीसरे चरण में मतदान हुआ था। इस दौरान राज्य में औसतन 60.13 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था। लेकिन सौराष्ट्र क्षेत्र के अमरेली में सबसे कम 50.29 फीसदी मतदान रिकॉर्ड किया गया था। सूरत में भाजपा उम्मीदवार पहले ही निर्विरोध जीत चुके हैं।

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