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एथिक्स कमेटी ने कहा, – ‘2 नवम्बर को पेश हों महुआ मोइत्रा, इससे आगे नहीं बढ़ाएंगे तारीख’

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नई दिल्ली, 28 अक्टूबर। तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा कैश फॉर क्वैरी कांड में चौतरफा घिरती जा रही हैं। अब लोकसभा की आचार समिति (एथिक्स कमेटी) ने भी उन्हें झटका दिया है और कमेटी की तरफ से टीएमसी सांसद को दो नवंबर को पेश होने को कहा गया है।

फिर से निर्धारित नहीं होगी पेशी की तारीख

समिति ने लिखा है कि वे बैठक की तारीख को फिर से निर्धारित करने के किसी भी अनुरोध पर विचार नहीं करेंगे। दरअसल, इससे पहले महुआ ने शुक्रवार को अपने पत्र में एथिक्स कमेटी के सामने पेश होने के लिए पांच नवम्बर के बाद बुलाने को कहा था। इसी के बाद कमेटी ने दो नवम्बर को पेश होने की तारीख दी है।

31 अक्टूबर की पेशी के लिए भेजा था समन

गौरतलब है कि नकद के बदले सवाल पूछने के मामले में महुआ मोइत्रा को संसद की एथिक्स कमेटी ने 31 अक्टूबर को पेश होने के लिए समन भेजा था। एथिक्स कमेटी के अध्यक्ष विनोद सोनकर ने बताया कि समिति ने बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे और वकील जय अनंत देहाद्रई को पूछताछ के लिए बुलाया था। वे लोग पेश हो चुके हैं। दूसरी ओर महुआ मोइत्रा ने पेश होने के लिए समय मांगा था।

मेरे खिलाफ सिर्फ झूठी शिकायत, सबूत नहीं : महुआ मोइत्रा

इसके पहले महुआ मोइत्रा ने कहा था, ‘कोई भी आरोप लगा सकता है, लेकिन आरोपों को साबित करने की जिम्मेदारी हमेशा शिकायतकर्ता की होती है। मैंने संसद की एथिक्स कमेटी को सौंपे गए हलफनामे को पढ़ा है। हलफनामे में इस बात का कोई जिक्र नहीं है कि मुझे दो करोड़ रुपये नकद दिए गए थे।’ इसके साथ ही मोइत्रा ने भाजपा सांसद निशिकांत दुबे की ओर से लगाए गए सभी आरोपों को भी सिरे से खारिज कर दिया।

कब दिया कैश, तारीख भी बताएं

मोइत्रा ने मीडिया से संक्षिप्त बातचीत में यह भी कहा था, ‘यदि मुझे सवाल पूछने के एवज में कैश दिया गया था तो प्लीज डेट भी मेंशन करें कि ये कब हुआ। सभी दस्तावेजी साक्ष्य भी प्रदान करें।’ महुआ ने निशिकांत दुबे के इस आरोप के लिए भी उनकी आलोचना की कि कारोबारी दर्शन हीरानंदानी ने लोकसभा में पीएम मोदी और गौतम अडानी के खिलाफ सवाल उठाने के लिए उन्हें कैश दिया था।

सच्चाई छिप नहीं सकती

उधर, टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा पर केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर का कहना है, ‘अगर संसदीय समिति ने किसी को बुलाया है तो उन्हें जाकर अपनी बात रखनी चाहिए। यदि वह अपनी गलती नहीं भी मानेंगी तो भी सच्चाई छिप नहीं सकती।’ देश के लोग जानना चाहते हैं कि सांसद को कैसे बेचा गया। यह चिंता का विषय है। यह राष्ट्रीय सुरक्षा और भ्रष्टाचार का मामला है। इसकी जांच होनी चाहिए और शीघ्र उचित काररवाई होनी चाहिए।

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