नई दिल्ली, 28 मार्च। रिटायरमेंट फंड देखने वाले सरकारी संस्थान केंद्रीय भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) ने अपने छह करोड़ से ज्यादा खाता धारकों के प्रॉविडेंट फंड पर ब्याज में 0.5 फीसदी की दर से मामूली वृद्धि करने का फैसला किया है।
वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए ब्याज दर 8.15 फीसदी होगी
ईपीएफओ ने कहा है कि 2022-23 के लिए ब्याज दर 8.15 पर्सेंट होगी। इस बढ़ोतरी को अब सरकारी मंजूरी हासिल करनी होगी। हालांकि ब्याज का बढ़ना बेहद मामूली है। सरकार ने 2021-22 के लिए ब्याज दर कम कर 8.10 फीसदी तय की थी, जो 1977-78 के बाद सबसे कम थी।
तब वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने ब्याज दर में कटौती का बचाव किया था। उन्होंने कहा था कि 8.10 फीसदी की दर अन्य छोटी बचत योजनाओं पर ब्याज दर से बेहतर है। दरअसल, तब कटौती का फैसला इसलिए भी किया गया कि रिजर्व बैंक ने भी ब्याज दरों में कटौती की थी। कोविड के दौरान अर्थव्यवस्था को गति देने के लिए यह कदम उठाया गया था।
बीते वर्षों में EPFO की ब्याज दर लगातार कम होती जा रही
कुल मिलाकर देखें तो बीते वर्षों में EPFO की ब्याज दर लगातार कम होती जा रही है। वित्त वर्ष 2000-2001 के दौरान ब्याज दर 12 फीसदी हुआ करती थी। लेकिन पिछले एक दशक में यह 8.10 फीसदी से लेकर 8.80 फीसदी के बीच घूमती रही है। ये सभी बातें भविष्य के लिए एक संकेत हो सकती है, खास तौर से युवा निवेशकों के लिए। वे अगर रिटायरमेंट के बाद भी मौजूदा लाइफस्टाइल को कायम रखना चाहते हैं तो उन्हें पीएफ की सरकारी गाड़ी से उतरने की जरूरत हो सकती है।