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उत्तर प्रदेश सरकार की गंगा एक्सप्रेसवे परियोजना को पर्यावरण मंत्रालय से मंजूरी

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नई दिल्ली, 21 नवंबर। उत्तर प्रदेश की जनता को जल्द ही एक और एक्सप्रेसवे का उपहार मिलने वाला है क्योंकि राज्य सरकार की महत्वाकांक्षी परियोजना गंगा एक्सप्रेसवे को पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय से पर्यावरण संबंधित मंजूरी प्रदान कर दी गई है।

गौरतलब है कि पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय की 2006 की अधिसूचना के तहत आने वाली परियोजनाओं को काम शुरू करने से पहले पर्यावरणीय मंजूरी लेना आवश्‍यक होता है। इस क्रम में गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए शनिवार, 20 नवंबर को राज्य स्तरीय पर्यावरण प्रभाव मूल्यांकन अथॉरिटी के सचिव द्वारा पर्यावरण मंजूरी जारी कर दी गई है।

594 किलोमीटर लंबा एक्सप्रेसवे मेरठ को प्रयागराज से जोड़ेगा

इस मंजूरी के बाद टेंडर की प्रकिया पूरी की जाएगी और फिर निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा। यह एक्सप्रेसवे 594 किलोमीटर लंबा और पूरी तरह प्रवेश नियंत्रित होगा, जो मेरठ-बुलंदशहर मार्ग (NH-334) पर मेरठ के बिजौली ग्राम से शुरू होकर प्रयागराज बाईपास (NH-19) पर जुडापुर दांदू ग्राम के पास समाप्त होगा।

36,230 करोड़ रुपये की लागत से होगा निर्माण

देश के सबसे लंबे एक्सप्रेसवे के निर्माण के लिए 94 प्रतिशत से अधिक भूमि अधिग्रहण का कार्य पूरा हो चुका है। परियोजना पर लगभग 36,230 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत आएगी और इसके लिए निविदा प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। परियोजना के विकास हेतु पी.पी.पी. (टॉल) मोड पर डिजाइन, बिल्ड, फाइनेंस, ऑपरेट और ट्रांसफर (डी.बी.एफ.ओ.टी) पैटर्न पर निविदाएं आमंत्रित की गई हैं। टेंडर फाइनल होते ही एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।

12 जनपदों से होकर गुजरेगा एक्सप्रेसवे

यह एक्सप्रेसवे 12 जनपदों – मेरठ, हापुड़, बुलंदशहर, अमरोहा, संभल, बदायूं, शाहजहांपुर, हरदोई, उन्नाव, रायबरेली, प्रतापगढ और प्रयागराज से होकर गुजरेगा। शुरू में यह एक्सप्रेसवे छह लेन का होगा, जिसे बाद में बढ़ाकर आठ लेन तक किया जा सकेगा।

इस एक्सप्रेसवे परियोजना में लगभग 140 नदी, धारा, नहर और नाले शामिल हैं। इसके अलावा एक्सप्रेसवे पर सात आरओबी, 17 इंटरचेंज, 14 मेजर ब्रिज, 126 माइनर ब्रिज, 28 फ्लाई ओवर, 50 वीयूपी, 171 एलवीयूपी, 160 एसवीयूपी और 946 पुलियों का निर्माण किया जाना प्रस्तावित है।

गंगा एक्सप्रेसवे के निर्माण से रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे। अनुमान के मुताबिक परियोजना के निर्माण के दौरान लगभग 12,000 व्यक्तियों को अस्थायी रूप से नियोजित किया जाएगा जबकि टोल प्लाजा के निर्माण से लगभग 100 व्यक्तियों को स्थायी नौकरी मिलेगी।

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