नई दिल्ली, 15 अक्टूबर। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने आज महाराष्ट्र और झारखंड में होने वाले विधानसभा चुनावों की तिथियां घोषित कर दीं। इसके तहत महाराष्ट्र में सिर्फ एक चरण में 20 नवम्बर को मतदान कराया जाएगा जबकि झारखंड में दो चरणों – 13 व 20 नवम्बर को वोटिंग होगी जबकि दोनों राज्यों के परिणाम 23 नवम्बर को सामने आएंगे।
मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने अपने दो सहायक चुनाव आयुक्तों – ज्ञानेश कुमार और सुखबीर सिंह संधू के साथ यहां विज्ञान भवन में आहूत प्रेस कॉन्फ्रेंस में दोनों राज्यों के चुनाव कार्यक्रमों की विस्तृत जानकारी दी।
26 नवम्बर को समाप्त होगा महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल
दरअसल, 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा का कार्यकाल 26 नवम्बर को समाप्त होगा जबकि 81 सीटों वाली झारखंड विधानसभा का कार्यकाल 5 जनवरी, 2025 को समाप्त होगा। ऐसे में इस वर्षांत दोनों राज्यों में चुनाव बेहद अहम है।
Get ready for the #Assembly Elections 🗓️
Check out the schedule for the General Election to the Legislative Assembly 2024 in #Maharashtra #ECI #Elections2024 pic.twitter.com/hFnjO74XbE
— Election Commission of India (@ECISVEEP) October 15, 2024
महाराष्ट्र में कुल 9.63 करोड़ वोटर, 20.93 नए मतदाता
सीईसी राजीव कुमार ने बताया कि महाराष्ट्र में कुल 9.63 करोड़ वोटर हैं। इनमें 4.97 करोड़ पुरुष व 4.66 करोड़ महिला वोटर शामिल हैं। 20 से 29 वर्ष आयु वर्ग के 1.85 करोड़ युवा मतदान में भाग लेंगे जबकि पहली बार मताधिकार पाने वाले 20.93 लाख वोटर (18-19 वर्ष आयु वर्ग) हैं।
Voice Your Choice! #MaharashtraElections2024
9.63 Cr electors of Maharashtra will head to polls in the upcoming #LegislativeAssembly elections.
Diverse mosaic of electors including #Women, #PwDs, #SeniorCitizens and #FirstTimeVoters#ECI #Elections2024 pic.twitter.com/k0eBrHDn80— Election Commission of India (@ECISVEEP) October 15, 2024
उन्होंने बताया कि आंकड़ों के अनुसार महाराष्ट्र में 47,776 वोटर 100 वर्ष की अवस्था पार कर चुके हैं जबकि 12.43 मतदाता 85 या उससे ज्यादा वय के हैं। वहीं 6,031 ट्रांसजेंटर मतदाता हैं। राज्य में 288 विधानसभा सीटों में 234 सामान्य, 25 एसटी और 29 एससी सीटें शामिल हैं। वोटिंग के लिए 52,789 स्थानों पर 100186 लाख मतदान केंद्र बनाए जाएंगे।
Get ready for the #Assembly Elections 🗓️
Check out the schedule for the General Election to the Legislative Assembly 2024 in #Jharkhand #ECI #Elections2024 pic.twitter.com/8KO5iHh9g9
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झारखंड में 2.6 करोड़ मतदाता, 11.84 नए वोटर
मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि झारखंड में 2.6 करोड़ लोग अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। इनमें 1.31 करोड़ पुरुष व 1.29 करोड़ महिला मतदाता शामिल हैं। मतदान में 20 से 29 वर्ष आयु वर्ग के बीच 66.84 लाख युवा वोटर भाग लेंगे जबकि 11.84 लाख वोटर 18-19 वर्ष आयु वर्ग के हैं, जो पहली बार मताधिकार का प्रयोग करेंगे।
Over 2.6 Cr strong electorate ready to vote! #JharkhandElections2024
Special drives to enroll #WomenVoters #ElderlyVoters #YoungVoters & #PVTGs Voters.#ECI #AssemblyElections2024 pic.twitter.com/OseVa45HHF— Election Commission of India (@ECISVEEP) October 15, 2024
उन्होंने बताया कि झारखंड में 1,706 वोटर 100 वर्ष से ज्यादा उम्र के हैं जबकि 1.14 लाख वोटरों की उम्र 85 वर्ष या उससे ज्यादा है। कुल 448 ट्रांसजेंडर वोटर हैं। राज्य की 81 विधानसभा सीटों में 44 सामान्य, 28 एसटी और नौ एससी सीटें शामिल हैं। पूरे राज्य में 20,221 स्थानों पर कुल 29,562 मतदान केंद्र स्थापित किए जाएंगे।
उल्लेखनीय है कि महाराष्ट्र में, भाजपा, शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) से बना सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन, महा विकास अघाड़ी (एमवीए) के खिलाफ प्रतिस्पर्धा करेगा। एमवीए में कांग्रेस, शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी और उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली शिवसेना (यूबीटी) शामिल हैं।
वहीं झारखंड में I.N.D.I.A. ब्लॉक का हिस्सा सत्तारूढ़ झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) का सीधा मुकाबला राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) से होगा। एनडीए में ऑल झारखंड स्टूडेंट्स यूनियन (AJSU), जनता दल (यूनाइटेड) और भाजपा शामिल हैं। इससे पहले जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव संपन्न कराए जा चुके हैं।
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में पिछला विधानसभा चुनाव भाजपा और शिवसेना ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के बैनर तले साथ मिलकर लड़ा था। राज्य की 288 सदस्यीय विधानसभा में भाजपा ने 165 सीटों पर उम्मीदवार उतारे थे और वह 105 सीटें जीतकर सबसे बड़ी पार्टी बनी थी। शिवसेना ने 126 सीट पर चुनाव लड़ा और उसे 56 पर जीत मिली। दूसरी तरफ, कांग्रेस ने 147 सीट पर उम्मीदवार उतारे और उसे 44 सीटों पर जीत मिली जबकि राकांपा को 121 में से 54 सीट पर जीत नसीब हुई।
5 वर्षों के दौरान महाराष्ट्र की राजनीति में खूब उठापटक देखने को मिली है
उस चुनाव में भाजपा के नेतृत्व वाले राजग को बहुमत मिला, लेकिन मुख्यमंत्री पद के मुद्दे पर दोनों दलों में टकराव शुरु हो गया। नतीजतन यह गठबंधन टूट गया। शिवसेना ने कांग्रेस और राकांपा से हाथ मिला लिया और राज्य में उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में एमवीए की सरकार बनी।
तकरीबन ढाई साल तक यह सरकार चली और फिर शिवसेना के विधायक और राज्य सरकार में मंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में पार्टी के दर्जनों विधायकों ने उद्धव ठाकरे के खिलाफ विद्रोह का बिगुल फूंक दिया। एकनाथ शिंदे ने असली शिवसेना होने का दावा करते हुए भाजपा के साथ सरकार बना ली और राज्य के मुख्यमंत्री बन गए।
इसी दौरान, राकांपा में भी विद्रोह की स्थिति बन रही थी। पिछले वर्ष जुलाई में अजीत पवार के नेतृत्व में राकांपा एक धड़ा अलग हो गया। इसके अधिकतर विधायक शिवसेना और भाजपा के एकनाथ शिंदे गुट के नेतृत्व वाली सत्तारूढ़ सरकार में शामिल हो गए। इस सरकार में अजित पवार को दूसरे उप मुख्यमंत्री के तौर पर जगह दी गई। अजित पवार ने वर्ष 2019 में भी इसी तरह का विद्रोह किया था।