नई दिल्ली, 7 जनवरी। निर्वाचन आयोग ने संसदीय और विधानसभा निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवारों की मौजूदा चुनाव खर्च सीमा बढ़ा दी है। यह आगामी सभी चुनावों में लागू होगी।
बड़े राज्यों के संसदीय चुनाव में प्रत्याशी अब खर्च कर सकेंगे 95 लाख रुपये
महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और कर्नाटक जैसे बड़े राज्यों में संसदीय चुनाव खर्च सीमा 70 लाख से बढ़ाकर 95 लाख रुपये की गई है। गोवा, सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश जैसे छोटे राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों के लिए यह सीमा 54 लाख से बढ़ाकर 75 लाख रुपये की गई है। केंद्रशासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर में भी चुनाव व्यय सीमा बढ़ाकर 95 लाख रुपये की गई है।
बड़े राज्यों में विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए व्यय सीमा अब 40 लाख रुपये
बड़े राज्यों में विधानसभा निर्वाचन क्षेत्र के लिए व्यय सीमा 28 लाख से बढ़ाकर 40 लाख रुपये और छोटे राज्यों में 20 लाख से बढ़ाकर 28 लाख रुपये की गई है।
वर्ष 2020 में 10 प्रतिशत बढ़ाई गई थी चुनाव खर्च सीमा
इससे पहले वर्ष 2014 में चुनाव खर्च सीमा में संशोधन किया गया था, जिसे फिर वर्ष 2020 में 10 प्रतिशत बढ़ाया गया। निर्वाचन आयोग ने चुनाव व्यय और अन्य संबंधित विषयों पर अध्ययन के लिए समिति गठित की थी।
समिति ने राजनीतिक दलों, मुख्य चुनाव अधिकारियों और चुनाव प्रेक्षकों से सुझाव मांगे थे। समिति ने पाया कि वर्ष 2014 के बाद से मतदाताओं की संख्या और मुद्रास्फीति बढ़ी है और प्रचार के तरीकों में भी बदलाव आया है।