लखनऊ, 27 अक्टूबर। निर्वाचन आयोग ने समाजवादी पार्टी के प्रमुख और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव को नोटिस जारी कर उनसे यादव एवं मुस्लिम मतदाताओं पर दिए गए उनके बयान पर सबूत मागे हैं। आयोग ने अखिलेश यादव को 10 नवम्बर 2022 तक इस बाबत विवरण प्रस्तुत करने को कहा है ताकि आवश्यक काररवाई की जा सके।
अखिलेश का दावा – लगभग 20,000 यादव व मुस्लिम मतदाताओं के नाम हटा दिए
उल्लेखनीय है कि अखिलेश यादव ने दावा किया था कि चुनाव आयोग ने इस वर्ष की शुरुआत में उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव से पहले यादव और मुस्लिम समुदायों के लगभग 20,000 मतदाताओं के नाम जान बूझकर हटा दिए थे। अब आयोग ने अखिलेश को सार्वजनिक मंचों पर उनके लगाए आरोपों को साबित करने के लिए सबूत पेश करने को कहा है।
सपा प्रमुख ने दावा किया था कि चुनाव आयोग ने भाजपा के इशारे पर लगभग सभी यूपी विधानसभा क्षेत्रों में यादव और मुस्लिम समुदाय के मतदाताओं के नाम जान बूझकर हटा दिए। उन्हें इतनी बड़ी संख्या में हटाए जाने का विधानसभा के मुताबिक जानकारी प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है। विधानसभा चुनाव में भाजपा की जीत हुई थी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार दूसरी बार सीएम बने थे।
वाराणसी में EVM पकड़े जाने का समाचार उप्र की हर विधानसभा को चौकन्ना रहने का संदेश दे रहा है।
मतगणना में धांधली की कोशिश को नाकाम करने के लिए सपा-गठबंधन के सभी प्रत्याशी और समर्थक अपने-अपने कैमरों के साथ तैयार रहें।
युवा लोकतंत्र व भविष्य की रक्षा के लिए मतगणना में सिपाही बने!
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) March 8, 2022
विधानसभा चुनाव में कथित अनियमितताओं के सवाल पर यादव ने दावा किया था कि जब समाजवादी पार्टी के उम्मीदवार आगे चल रहे थे और हर बार भाजपा उम्मीदवार के पक्ष में ‘परिणाम’ घोषित किए गए थे, तब राज्य में कई जगहों पर मतों की गिनती रोक दी गई थी या धीमी हो गई थी। उन्होंने उदाहरण के तौर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लोकसभा सीट वाराणसी के शहर दक्षिणी निर्वाचन क्षेत्र का हवाला दिया था।