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निर्वाचन आयोग की दो टूक – पार्टी को बताना होगा कि ‘क्रिमिनल’ के अलावा कोई और उम्मीदवार क्यों नहीं मिला

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नई दिल्ली, 3 नवम्बर। गुजरात चुनाव की तारीखों के एलान के साथ ही भारत निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने आपराधिक पृष्ठभूमि वाले उम्मीदवारों को लेकर बड़ी तैयारियां की हैं। आयोग ने साफ कर दिया है कि उम्मीदवार और पार्टी दोनों को ही अपराधों से जुड़ी जानकारियां सार्वजनिक तौर पर दिखानी होंगी। इसके जरिए मतदाताओं को पता लगेगा कि केवल क्रिमिनल बैकग्राउंड के लोग ही पार्टी को मिल सके।

निर्वाचन आयोग की तरफ से जारी विज्ञप्ति के अनुसार पहले अपराध में शामिल रह चुके उम्मीदवारों को प्रचार के दौरान तीन बार अखबारों और टीवी चैनल्स के जरिए प्रकाशित करनी होगी। साथ ही क्रिमिनल बैकग्राउंड के उम्मीदवार को उतारने वाली पार्टी को भी प्रत्याशी के बारे में जानकारी अपनी वेबसाइट, अखबारों और चैनलों पर तीन बार दिखानी होगी।

मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि अगर कोई क्रिमिनल बैकग्राउंड है, तो उम्मीदवार को अनिवार्य रूप से उसकी जानकारी एक राष्ट्रीय, एक क्षेत्रीय और सोशल मीडिया पर प्रकाशित करनी होगी। साथ ही दलों को यह भी बताना होगा और पब्लिश भी करना होगा कि उन्हें क्रिमिनल के अतिरिक्त कोई और उम्मीदवार क्यों नहीं मिला। उन्हें कारण बताने होंगे और उसे सार्वजनिक करना होगा, ताकि मतदाताओं को पता रहे कि उस क्षेत्र में उम्मीदवार खोजने पर पार्टी को इतनी मुश्किल क्यों हुई

तीन बार देनी होगी जानकारी, जानें कब-कब

चुनाव आयोग के अनुसार नामांकन वापस लेने की तारीख के शुरुआती चार दिनों के दौरान जानकारी सार्वजनिक करनी होगी। इसके बाद दूसरी बार अगले पांच से आठ दिनों के अंदर और चुनाव से दो दिन पहले तीसरी बार प्रकाशित करनी होगी।

गुजरात चुनाव कार्यक्रम

इसके पूर्व चुनाव आयोग ने राज्य विधानसभा चुनाव की तारीखों का एलान कर दिया है। इसके तहत राज्य की 182 सीटों वाली विधानसभा के लिए दो चरणों में मतदान होगा। पहले चरण में 89 सीटों पर वोटिंग एक दिसम्बर को होगी जबकि मतदाता दूसरे चरण में 93 सीटों पर पांच दिसम्बर को वोट डालेंगे। मतगणना हिमाचल प्रदेश के साथ ही 8 दिसम्बर को होगी। पहाड़ी राज्य में 12 नवम्बर को मतदान होना है।

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