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चुनाव आयोग ने कहा – उत्तर प्रदेश के सभी दल समय पर चाहते हैं चुनाव, 5 जनवरी के बाद तारीखों का एलान

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लखनऊ, 30 दिसंबर। केंद्रीय निर्वाचन आयोग का कहना है कि उत्तर प्रदेश के सभी दलों ने उससे समय पर चुनाव कराने की मांग की है। इसका अर्थ यह है कि कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन की वजह से देश में तेजी से फैल रहे संक्रमण के बावजूद चुनाव शायद अब न टाला जाए। समझा जाता है कि यूपी में चुनाव की तारीखों का एलान पांच जनवरी के बाद कभी भी किया जा सकता है।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुशील चंद्रा की अगुआई में उच्चस्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने उत्तर प्रदेश में चुनाव की तैयारियों को लेकर विभिन्न पक्षों के साथ मैराथन बैठकों के बाद गुरुवार को राज्य के पुलिस महानिदेशक और नवनियुक्त मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र के साथ निर्णायक बैठक की और मध्याहन प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडियाकर्मियों को प्रस्तावित चुनाव के संदर्भ में विस्तृत जानकारी दी। गौरतलब है कि अगले वर्ष की शुरुआत में पांच राज्यों – उत्तर प्रदेश, पंजाब, गोवा, उत्तराखंड और मणिपुर में विधानसभा चुनाव होने हैं।

बुजुर्गों-दिव्यांगों को इस बार घर पर वोटिंग की सुविधा

सुशील चंद्रा ने बताया कि आगामी चुनाव में बुजुर्गों और दिव्यांगों को घर से वोट की सुविधा भी दी जाएगी। इसके साथ ही पोलिंग बूथों की संख्या के साथ मतदान का समय भी एक घंटा बढ़ाया जाएगा। कोरोना संकट को ध्यान में रखते हुए यूपी में पोलिंग बूथों की संख्या 11 हजार तक बढ़ाई जाएगी। एक बूथ पर पहले 1500 वोट होते थे, जिन्हें घटाकर 1200 किया गया है।

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महिला मतदाताओं का अनुपात बढ़ा

मुख्य निर्वाचन आयुक्त चंद्रा ने बताया कि 18 से 19 वर्ष के नए मतदाताओं की तादाद पिछले चुनाव से तीन गुना ज्यादा है। इसमें हजार पुरुष मतदाताओं में 839 महिलाओं का अनुपात अब 868 हो गया है।

5 जनवरी तक फाइनल मतदाता सूची जारी होगी

उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग का मकसद स्वतंत्र, निष्पक्ष, सुरक्षित, प्रलोभन मुक्त कालाधन मुक्त चुनाव कराना है। उन्होंने कहा कि पांच जनवरी तक फाइनल मतदाता सूची जारी होगी, लेकिन नामांकन के आखिरी दिन तक भी अतिरिक्त सूची बन सकेगी।

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