नई दिल्ली, 8 अक्टूबर। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश के आरोपों को निराधार बताते हुए सिरे से खारिज कर दिया है। जयराम रमेश ने हरियाणा विधानसभा चुनाव की मतगणना अपडेट में कथित रूप से की जा रही देरी का आरोप लगाते हुए मंगलवार को दिन में आयोग को पत्र लिखा था। ईसी ने कहा कि जयराम रमेश अपने आरोपों के समर्थन में कोई तथ्यात्मक दस्तावेज पेश नहीं कर सके, लिहाजा उनके आरोपों को खारिज किया जाता है।
लोकसभा चुनाव 2024 में भी आयोग खारिज कर चुका है ऐसा ही आरोप
आयोग ने बताया कि सांसद जयराम रमेश ने आयोग को लिखे पत्र में हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के परिणामों के अपडेट में हुई कथित देरी का उल्लेख किया है। आयोग यह बताना चाहता है कि इससे पहले चार जून, 2024 को आम चुनाव 2024 के संदर्भ में भी इसी तरह की चिंता कांग्रेस की ओर से उठाई गई थी, जिसे आयोग ने जांच की और फिर खारिज कर दिया था। आयोग ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वोटों की गिनती निर्धारित मतगणना केंद्रों पर और नियुक्त अधिकारियों की ओर से चुनाव आचार संहिता के नियम-60 के अनुसार तमाम नियमों का पालन करते हुए की जा रही है।
गैरजिम्मेदाराना और निराधार आरोप
चुनाव आयोग ने रमेश से कहा, ‘हरियाणा में परिणामों के अपडेट में देरी के बारे में जो अपने चिंता व्यक्त की है। उसके बारे में आयोग दोहराता है कि हरियाणा और जम्मू-कश्मीर में पूरी मतगणना प्रक्रिया नियमों के अनुसार, उम्मीदवारों, पर्यवेक्षकों और माइक्रो ऑब्जर्वर की उपस्थिति में हो रही है।’
जयराम रमेश के पास कोई प्रमाण नहीं
आयोग ने कहा कि जयराम रमेश के पास इसके समर्थन में कोई प्रमाण नहीं है। आयोग ने रमेश से कहा है कि आपने अपने ज्ञापन में हरियाणा या जम्मू-कश्मीर में किसी भी निर्वाचन क्षेत्र में देरी के संबंध में कोई तथ्य भी प्रस्तुत नहीं किया है। जैसा कि ईसीआई की परिणाम वेबसाइट पर सार्वजनिक रूप से उपलब्ध डेटा से स्पष्ट है। प्रत्येक राउंड के अपडेट की स्पीड को भी आयोग ने एक आंकड़े में दिखाते हुए बताया कि लगभग 25 राउंड सभी निर्वाचन क्षेत्रों में हर पांच मिनट में अपडेट किए जा रहे हैं, जो मतगणना प्रक्रिया के त्वरित प्रसार की पुष्टि करता है।
काउंटिंग अपडेट में देरी को लेकर घमासान
इसके पूर्व दिन में जयराम रमेश ने अपने आरोपों में कहा था कि पिछले दो घंटों से पूर्वाह्न नौ से 11 बजे के बीच चुनाव आयोग की वेबसाइट पर परिणामों को अपडेट करने में अस्पष्ट देरी हुई है। उन्होंने आयोग को लिखे पत्र में आगे लिखा था कि जैसा कि आप कल्पना कर सकते हैं, इससे दुर्भावनापूर्ण लोगों को ऐसी कहानियां गढ़ने का मौका मिल जाता है, जो प्रक्रिया को कमजोर करती हैं। आप सोशल मीडिया पर इसके उदाहरण देख सकते हैं।
जयराम रमेश ने अपने पत्र में कहा था, ‘हमारा डर यह भी है कि ऐसी कहानियों का इस्तेमाल दुर्भावनापूर्ण लोगों की ओर से उन प्रक्रियाओं को प्रभावित करने के लिए किया जा सकता है, जहां अभी भी मतगणना चल रही है यानी अधिकांश मतगणना केंद्रों पर। हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप अपने अधिकारियों को वेबसाइट पर सही और सटीक आंकड़े अपडेट करने के लिए तत्काल निर्देश जारी करें, ताकि झूठी खबरों और दुर्भावनापूर्ण बयानों को तुरंत मुकाबला किया जा सके।’