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निर्वाचन आयोग की बिहार में राजनीतिक दलों के साथ बैठक, भाजपा की एक या दो चरणों में चुनाव कराने की मांग

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पटना, 4 अक्टूबर। मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर शनिवार को बिहार के सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक की। इस दौरान सभी दलों के प्रतिनिधियों ने चुनाव आयोग के सामने अपने-अपने सुझाव दिए और कुछ मांगें भी रखीं।

निर्वाचन आयोग की ओर से जारी बयान में कहा गया, ‘मुख्य चुनाव आयुक्त श्री ज्ञानेश कुमार की अध्यक्षता में बिहार के सभी 12 मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के साथ चुनाव आयुक्त डॉ. सुखबीर सिंह संधू और चुनाव आयुक्त डॉ. विवेक जोशी, बिहार के मुख्य निर्वाचन अधिकारी विनोद गुंज्याल और आयोग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ चर्चा शुरू हुई।’

भाजपा ने 16 सूत्रीय मांग और सुझाव रखे

भाजपा ने चुनाव आयोग के सामने 16 सूत्रीय मांग और सुझाव रखे हैं। बैठक के बाद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि भाजपा ने एक या दो चरणों में चुनाव कराने की मांग की है। भाजपा ने इस दौरान मतदाता सूची की तैयारी पारदर्शी एवं बेहतर तरीके से करने के लिए निर्वाचन आयोग को बधाई दी।

धार्मिक स्थलों में स्थित मतदान केंद्रों को बदलने की भी मांग

भाजपा ने चुनाव आयोग से कहा है कि बिहार के कई विधानसभा क्षेत्रों में मतदान केंद्र धार्मिक स्थलों में स्थित हैं। बार-बार आयोग को इस संबंध में निवेदन करने के बाद भी इन मतदान केंद्रों को नहीं बदला जा रहा है। ये सभी मतदान केंद्र आज से 30 वर्ष पहले से बने हुए हैं। पहले इन इलाकों में कोई भी सरकारी भवन एवं स्कूल-कॉलेज नहीं हुआ करते थे। अब सभी जगहों पर मतदाताओं के निकट स्कूल और कॉलेज हो गए हैं। चुनाव के पूर्व इन सभी मतदान केंद्रों की जांच कर नए सरकारी भवन में मतदान केंद्र बनाने की मांग रखी है।

मतदाताओं की सहूलियत के लिए वोटर स्लिप सही तरीके से बांटे जाएं

मतदाताओं को चुनाव प्रारंभ होते ही वोटर स्लिप सही तरीके से बांटने की भी भाजपा ने मांग की है ताकि मतदाता उसे लेकर मतदान केंद्र पर पहुंच सकें। पार्टी ने चुनाव के एक दिन पूर्व विधानसभा क्षेत्र में केंद्रीय पैरामिलिट्री फोर्स का फ्लैग मार्च कराने की भी मांग रखी तथा चुनाव के दिन जिला और विधानसभा क्षेत्र का बोर्डर सील कराने की मांग की।

भाजपा ने इसी क्रम में स्वच्छ एवं निष्पक्ष चुनाव के लिए मतदान केंद्र पर किसी भी तरह के ढके हुए चेहरे वाले मतदाताओं के चेहरे का मिलान स्वीकृत पहचान पत्र से करने और पहचान सुनिश्चित करने के बाद ही उन्हें मतदान की अनुमति देने की बात की है।

जदयू ने एक चरण में चुनाव कराने का किया आग्रह

उधर जदयू सांसद संजय कुमार झा ने कहा, ‘हमने चुनाव आयोग के सामने अपनी बात रखी। बिहार में SIR हुआ है और बिहार देश को दिखाएगा कि SIR कैसे होता है। हमने आग्रह किया है कि बिहार में एक चरण में चुनाव कराए जाएं। बिहार में कानून-व्यवस्था अच्छी स्थिति में है। यदि महाराष्ट्र में एक चरण में चुनाव हो सकते हैं, तो बिहार में क्यों नहीं।’

छठ पर्व के तुरंत बाद चुनाव निर्धारित करने का सुझाव

जेडी(यू) बिहार अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा ने कहा, ‘हमारी पार्टी ने सुझाव दिया है कि चुनाव एक ही चरण में कराए जाने चाहिए। छठ पर्व के दौरान बाहर से आने वाले मतदाताओं को वोट डालने की सुविधा देने के लिए चुनाव छठ पर्व के तुरंत बाद निर्धारित किए जाने चाहिए।’

राज्य में जल्द कराए जा सकते हैं चुनाव

अनुमान लगाया जा रहा है कि चुनाव आयोग द्वारा बिहार विधानसभा चुनावों की तारीखों की घोषणा किसी भी समय की जा सरती है। यह समीक्षा चुनाव आयोग द्वारा गत 30 सितम्बर को बिहार विधानसभा चुनावों के लिए अंतिम मतदाता सूची के प्रकाशन के बाद की जा रही है, जो विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) के पूरा होने का प्रतीक है।

राज्य में कुल मतदाताओं की संख्या 7.42 करोड़

अंतिम सूची में कुल मतदाताओं की संख्या 7.42 करोड़ है, जबकि इस वर्ष 24 जून तक 7.89 करोड़ मतदाता थे। चुनाव आयोग की एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा गया है कि मसौदा सूची से 65 लाख मतदाताओं को हटा दिया गया है और 1 अगस्त, 2025 तक मसौदा सूची में मतदाताओं की संख्या 7.24 करोड़ थी।

विज्ञप्ति में कहा गया है कि मसौदा सूची से हटाए गए अपात्र मतदाताओं की संख्या 3.66 लाख थी जबकि 21.53 लाख पात्र मतदाताओं को मसौदा सूची (फॉर्म 6) में जोड़ा गया, जिससे कुल मतदाताओं की संख्या 7.42 करोड़ हो गई।

NDA और महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला

बिहार में चुनावी मुकाबला मुख्य रूप से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के नेतृत्व वाले मौजूदा राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) और राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) के नेतृत्व वाले महागठबंधन के बीच सीधा मुकाबला होने की उम्मीद है। 243 सदस्यीय बिहार विधानसभा में एनडीए के पास वर्तमान में 131 सीटें हैं, जिनमें भाजपा के पास 80, जेडी(यू) के पास 45, हम (एस) के पास चार और दो निर्दलीय शामिल हैं। वहीं महागठबंधन के पास 111 सीटें हैं, जिनमें आरजेडी के 77, कांग्रेस के 19, सीपीआई(एमएल) के 11, सीपीआई(एम) के दो और सीपीआई के दो विधायक शामिल हैं।

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