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निर्वाचन आयोग ने 334 गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों को सूची से हटाया

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नई दिल्ली, 10 अगस्त। देश में चुनाव प्रणाली को साफ और पारदर्शी बनाने के लिए भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने 334 पंजीकृत गैर-मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों (RUPPs) को सूची से हटा दिया। इन दलों ने पिछले छह वर्षों, यानी 2019 से अब तक एक भी चुनाव नहीं लड़ा और इनके दफ्तर पंजीकृत पते पर भी नहीं पाए गए। आयोग ने बताया कि अब कुल 2,854 RUPPs में से 2,520 शेष रह गए हैं।

सूची से हटाई गईं पार्टिंयां 30 दिनों के भीतर कर सकती हैं अपील

निर्वाचन आयोग ने कहा कि इन 334 RUPPs को जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 29B और 29C, आयकर अधिनियम, 1961 और चुनाव प्रतीक (आरक्षण और आवंटन) आदेश, 1968 के तहत मिलने वाले किसी भी लाभ का अधिकार नहीं रहेगा। यदि कोई पार्टी इस फैसले से असंतुष्ट है तो वह आदेश जारी होने के 30 दिनों के भीतर आयोग में अपील कर सकती है।

RUPPs की सूची से नाम हटाने की यह काररवाई ECI की उस व्यापक और लगातार चल रही रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत केवल कागजों पर मौजूद और निष्क्रिय हो चुकी पार्टियों को हटाया जा रहा है। जून, 2025 में आयोग ने इस अभियान की शुरुआत करते हुए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों (UTs) के मुख्य निर्वाचन अधिकारियों (CEOs) को 345 RUPPs की जांच करने का निर्देश दिया था। जांच रिपोर्ट में पाया गया कि 335 में से 334 दल तय मानकों का पालन नहीं कर रहे थे।

लगातार 6 वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ने वाले पंजीकृत दलों को हटाया जाता है

मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने इन दलों की फील्ड जांच की, नोटिस जारी किए और व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर दिया, लेकिन अधिकांश ने आवश्यक मानकों को पूरा नहीं किया। वर्तमान में देश में 6 राष्ट्रीय दल, 67 राज्य स्तरीय दल और 2,854 RUPPs पंजीकृत हैं। मौजूदा नियमों के अनुसार, कोई भी पार्टी यदि लगातार 6 वर्षों तक चुनाव नहीं लड़ती, तो उसका नाम पंजीकृत दलों की सूची से हटा दिया जाता है।

2022 से अब तक 284 निष्क्रिय RUPPs को सूची से हटाया जा चुका है

चुनाव आयोग 2022 से अब तक 284 निष्क्रिय और गैर-अनुपालन करने वाले RUPPs को सूची से हटा चुका है और 253 RUPPs को निष्क्रिय घोषित कर चुका है, ताकि राजनीतिक क्षेत्र से गैर-कार्यक्षम पार्टियों को हटाया जा सके।

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