नई दिल्ली, 16 मार्च। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने स्पष्ट किया है कि पर्याप्त सुरक्षा बलों की कमी के चलते लोकसभा चुनाव के साथ जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव कराया जाना संभव नहीं है। लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद जल्द ही राज्य विधानसभा चुनाव की घोषणा की जाएगी क्योंकि तब सुरक्षा बलों की पर्याप्त उपलब्धता हो जाएगी।
जम्मू-कश्मीर में 5 चरणों में होंगे लोकसभा चुनाव
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने शनिवार को अपराह्न यहां प्रेस कॉन्फ्रेंस में लोकसभा के साथ चार राज्यों – आंध्र प्रदेश, अरुणाचल प्रदेश, सिक्किम व ओडिशा की विधानभाओं के लिए भी चुनाव की घोषणा की। कार्यक्रम के तहत जम्मू-कश्मीर में 19 अप्रैल से 20 मई के बीच पांच चरणों में लोकसभा चुनाव होंगे जबकि लद्दाख में पांचवें चरण यानी 20 मई को मतदान मतदान होना है।
CEC राजीव कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान जम्मू-कश्मीर से संबंधित एक सवाल पर स्पष्ट किया कि वहां क्यों लोकसभा और राज्यसभा चुनाव साथ नहीं कराए जा रहे। उन्होंने बताया कि वर्ष 2019 में जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम लाए जाने के बाद वर्ष 2022 में इसमें संशोधन हुआ। अंततः जम्मू-कश्मीर पुनर्गठन (संशोधन), अधिनियम 2023 के प्रावधान लागू होने के बाद राज्य की विधानसभा में सीटों की संख्या बढ़ कर 114 हो गईं। इनमें पाक अधिकृत जम्मू-कश्मीर के लिए 24 सीटें आरक्षित हैं और 90 सीटें जम्मू-कश्मीर के लिए हैं।
दिसम्बर, 2023 से चालू हुआ जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव का पैरामीटर
राजीव कुमार ने बताया कि वास्तविक अर्थों में दिसम्बर, 2023 से जम्मू-कश्मीर विधानसभा चुनाव का पैरामीटर चालू हुआ है। लेकिन सारी प्रशासनिक मशीनरी जम्मू-कश्मीर में लोकसभा के साथ विधानसभा चुनाव कराने के लिए तैयार नहीं थी। स्थानीय प्रशासन का मानना है कि 90 में प्रत्येक सीट पर 10 से 12 प्रत्याशी खड़े होंगे और प्रत्येक प्रत्याशी को सुरक्षा के मद्देनजर दो सेक्शन फोर्स उपलब्ध करानी होगी। यानी लगभग 1000 उम्मीदवारों के लिए 450-500 सेक्शन अतिरिक्त फोर्स की जरूरत पड़ेगी, जो लोकसभा चुनाव के साथ संभव नहीं है।
उन्होंने आश्वस्त किया कि सुरक्षा कारणों से ही दोनों चुनाव साथ न कराने का फैसला करना पड़ा। लेकिन लोकसभा चुनाव के बाद पर्याप्त सुरक्षा बलों की उपलब्धता सुनिश्चित हो जाएगी और तब यथाशीघ्र राज्य में विधानसभा चुनाव करा दिया जाएगा।