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निर्वाचन आयोग ने घोषित कीं जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तिथियां, 4 अक्टूबर को नतीजे आएंगे

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नई दिल्ली, 16 अगस्त। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में विधानसभा चुनाव की तिथियां घोषित कर दीं। जम्मू-कश्मीर में 18 सितम्बर से जहां तीन चरणों में चुनाव कराए जाएंगे वहीं हरियाणा में सिर्फ एक चरण में एक अक्टूबर को मतदान होगा। दोनों राज्यों के चुनाव परिणाम चर अक्टूबर को घोषित किए जाएंगे। यहां विज्ञान भवन में शुक्रवार को आहूत प्रेस कॉन्फ्रेंस में मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने दोनों राज्यों के चुनावों के संदर्भ में विस्तृत जानकारी दी।

जम्मू-कश्मीर में 18 सितम्बर से तीन चरणों में होंगे चुनाव

सीईसी राजीव कुमार ने बताया कि जम्मू-कश्मीर में 18 सितम्बर, 25 सितम्बर व एक अक्टूबर को वोटिंग होंगी। दरअसल, जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाए जाने के बाद पहला विधानसभा चुनाव होने जा रहा है। ऐसे में चुनाव आयोग ने खास तैयारी की है।

सीईसी ने सुनाई शायरी – लंबी कतारों में छिपी हैं बदलते सूरतेहाल

राजीव कुमार ने बताया, ‘हमारी टीम ने जम्मू-कश्मीर और हरियाणा का दौरा किया है और उसके बाद हम जम्मू-कश्मीर और हरियाणा में चुनाव तारीखों का एलान करने जा रहे।‘ इस दौरान उन्होंने एक शायरी भी सुनाई। उन्होंने कहा, ‘लंबी कतारों में छिपी हैं बदलते सूरतेहाल यानी जम्हूरियत की कहानी, रोशन उम्मीदें खुद करेंगी गोया अपनी तकदीरें बयानी। जम्हूरियत के जश्न में आपकी शिरकत, दुनिया देखेगी नापाक इरादों के शिकस्त की कहानी।’

जम्मू-कश्मीर में 11838 मतदान केंद्र, कुल 87.09 लाख मतदाता

सीईसी ने बताया कि उन्होंने बताया कि जम्मू-कश्मीर की जनता बदलाव चाहती है। वहां की आवाम तकदीर बदलना चाहती है। जम्मू-कश्मीर में 11838 मतदान केंद्र हैं। राज्य में 87 लाख 9 हजार मतदाता हैं। हर केंद्र पर औसतन 735 वोटर हैं। इनमें महिलाओं और दिव्यांग के लिए विशेष व्यवस्था रहेगी। 360 मॉडल पोलिंग स्टेशन बनाए जाएंगे। 19 अगस्त को अमरनाथ यात्रा खत्म होने के अगले दिन 20 अगस्त को अंतिम मतदाता सूची प्रकाशित हो जाएगी।

जम्मू-कश्मीर में मतदान से जुड़ी खास बातें

सभी उम्मीदवारों को मांग के अनुसार सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि इस पूर्ववर्ती राज्य के सभी उम्मीदवारों को उनके राजनीतिक दलों की मांग के अनुसार आवश्यक सुरक्षा मुहैया कराई जाएगी। उल्लेखनीय है कि केंद्र सरकार ने वर्ष 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त कर के जम्मू-कश्मीर को दो केंद्र शासित प्रदेशों – जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया था।

इस फैसले को चुनौती देनी वाली याचिकाओं पर सुनवाई करने वाली उच्चतम न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति डी वाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता में पांच न्यायमूर्तियों की पीठ ने सर्वसम्मति से फैसला देते हुए जम्मू-कश्मीर के विशेष दर्जे को खत्म करने का फैसला बरकरार रखा था।

इसके साथ ही शीर्ष अदालत ने केंद्र सरकार को इस वर्ष सितम्बर तक इस पूर्ववर्ती राज्य में विधानसभा चुनाव कराने के लिए कदम उठाने को कहा था। जम्मू-कश्मीर में पिछला विधानसभा 2014 में पांच चरणों में हुआ था। तब यह एक राज्य था और लद्दाख उसका हिस्सा था।

हरियाणा में दो करोड़ से ज्यादा मतदाता, 85 लाख नए वोटर

राजीव कुमार ने बताया हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों के लिए सिर्फ एक चरण यानी एक अक्टूबर को वोटिंग प्रक्रिया संपन्न करा दी जाएगी। इनमें 73 सामान्य सीटें हैं। राज्य में दो करोड़ से ज्यादा वोटर हैं, जिनमें 85 लाख नए वोटर शामिल किए गए हैं। राज्य में कुल 20629 मतदान केंद्र हैं। दिलचस्प यह है कि हरियाणा में पहली बार बहुमंजिली इमारतों में पोलिंग बूथ होंगे। सीसीटीवी से पोलिंग बूथ की निगरानी की जाएगी।