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निर्वाचन आयोग ने मानी गलती, CEC राजीव कुमार बोले – गर्मी से पहले चुनावी प्रक्रिया पूरी कर लेने की सीख मिली

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नई दिल्ली, 3 जून। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने भीषण गर्मी के बीच इतनी लंबी चुनावी प्रक्रिया को अपनी गलती माना है और यह भी स्वीकार किया है कि चुनाव गर्मी के मौसम में नहीं कराए जाने चाहिए। उल्लेखनीय है कि चुनाव आयोग ने 16 मार्च को सात चरणों में मतदान कराने की घोषणा की थी, जो 19 अप्रैल से शुरू होकर एक जून तक करीब 45 दिनों में संपन्न हुआ। अब लोकसभा चुनाव परिणाम चार जून को आएंगे।

गौर करने वाली बात यह है कि चुनाव की घोषणा के चार दिन बाद यानी 20 मार्च को ही पहले चरण की अधिसूचना जारी कर दी गई थी। इस प्रकार गर्मी के मौसम में विभिन्न राजनीतिक दलों के शीर्ष नेताओं को लगभग 75 दिनों तक भागदौड़ करनी पड़ी।

खैर, डेढ़ माह तक खिंचे मतदान का दौर समाप्त होने के बाद और मतगणना के एक दिन पहले सोमवार को मुख्य चुनाव आयुक्त (CEC) राजीव कुमार ने अपने दोनों सहयोगी चुनाव आयुक्तों – ज्ञानेश कुमार व डॉ. सुखबीर सिंह संधू के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस की। इस दौरान उन्होंने आम चुनाव से जुड़े सवालों के खुलकर जवाब दिए। उन्होंने कहा कि चुनावों से सबसे बड़ी सीख यही मिली है कि यह प्रक्रिया गर्मी के पहले पूरी हो जानी चाहिए। खास बात है कि शुरुआती चरणों में हुए कम मतदान की एक वजह गर्मी को भी माना गया था।

ईवीएम की गणना से पहले होगी पोस्टल बैलेट की गिनती

मतगणना की तैयारियों को लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, ‘सबसे पहले पोस्टल बैलेट (डाक मत पत्र) की गिनती शुरू होगी। उसके आधे घंटे बाद ही हम ईवीएम की गिनती शुरू कर देंगे।’ गौरतलब है कि रविवार को विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. के एक प्रतिनिधिमंडल चुनाव आयोग से मिलकर कई मांगे रखी थीं। उनमें मुख्य रूप से ईवीएम की मतगणना से पहले पोस्टल बैलेट की गणना और उसके परिणामों की घोषणा की मांग शामिल थी।

कांग्रेस नेता जयराम रमेश के आरोपों का दिया जवाब

राजीव कुमार ने कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश के आरोपों का भी जवाब दिया, जिसमें उन्होंने दावा किया था कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 150 कलेक्टरों को कॉल किया था। सीईसी ने कहा, ‘…क्या उन सभी (DM/रिटर्निंग अधिकारियों) को कोई प्रभावित कर सकता है। हमें बताएं कि ऐसा किसने किया है। हम उस व्यक्ति को सजा देंगे, जिसने ऐसा किया है…। आप सभी पर संदेह करें और अफवाह फैलाएं, ये सही नहीं है।’

64.2 करोड़ मतदाताओं की भागीदारी से भारत ने बनाया विश्व रिकॉर्ड

सीईसी कुमार ने कहा कि भारत ने लोकसभा चुनाव में 31.2 करोड़ महिलाओं समेत 64.2 करोड़ मतदाताओं की भागीदारी के साथ विश्व कीर्तिमान स्थापित किया। उन्होंने कहा कि दुनिया की सबसे बड़ी मतदान प्रक्रिया में 68,000 से अधिक निगरानी दल और डेढ़ करोड़ से अधिक मतदान तथा सुरक्षाकर्मी शामिल रहे।

निगेटिव बातों से मतदान कर्मियों को चोट पहुंचती है

निर्वाचन आयुक्तों को सोशल मीडिया पर कुछ मीम में ‘लापता जेंटलमैन’ नाम दिए जाने के संदर्भ में मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने कहा, ‘हम हमेशा यहीं थे, कभी नदारद नहीं रहे।’ उन्होंने कहा, ‘अब मीम बनाने वाले कह सकते हैं कि ‘लापता जेंटलमैन’ वापस आ गए हैं।’ उन्होंने यह भी कहा कि निगेटिव बातों से मतदान कर्मियों को चोट पहुंचती है।

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