मुंबई, 23 जून। महाराष्ट्र में अपने बागी तेवरों से महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार को गहरे संकट में धकेल चुके शिवसेना के कद्दावर नेता एकनाथ शिंदे ने सीएम उद्धव ठाकरे तक अपनी बात पहुंचाने के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया है। संप्रति कुछ निर्दलीय सहित 45 से ज्यादा विधायकों संग गुवाहाटी के होटल रेडिसन ब्ल्यू में रणनीतियां तैयार कर रहे शिंदे ने गुरुवार को ट्विटर पर मुख्यमंत्री के नाम एक पत्र शेयर किया है, जिसमें लिखा गया है कि ‘ये है विधायकों की भावना’।
विधायकों के लिए सीएम हाउस के दरवाजे पहली बार असलियत में खुले
संजय शिरसत द्वारा लिखित पत्र में उद्धव ठाकरे पर निशाना साधते हुए कहा गया है, “सीएम हाउस ‘वर्षा’ के दरवाजे कल (22 जून) पहली बार असलियत में हम विधायकों के लिए खुले हैं। ये पिछले 2.5 सालों से बंद थे। विधायक बनकर भी हमें आपके आसपास वाले लोगों से विनती करके इस सीएम हाउस में प्रवेश मिलता था।”
ही आहे आमदारांची भावना… pic.twitter.com/U6FxBzp1QG
— Eknath Shinde – एकनाथ शिंदे (@mieknathshinde) June 23, 2022
पत्र में कहा गया है, ‘जो लोग राज्यसभा और विधान परिषद के सदस्य हैं, उनसे गुजारिश करने पर ही सीएम हाउस में प्रवेश मिलता था। ये जो कथित चाणक्य रूपी क्लर्क आपके आसपास जुटे हैं, उन्होंने हमें दूर रखकर विधान परिषद चुनाव और राज्यसभा चुनाव की रणनीति बनाई और नतीजे पूरे महाराष्ट्र ने देखे। राज्यसभा चुनाव में किसी विधायक ने क्रॉस वोट नहीं किया था, फिर भी विधान परिषद चुनाव से पहले विधायकों पर अविश्वास जताया गया।’
मिलने के लिए करना पड़ा था इंतजार
संजय शिरसत ने पत्र में लिखा है, ‘अगर हमें आपसे मिलना होता था तो हमें वर्षा के बाहर सड़क पर कई घंटों तक खड़ा किया जाता था। हम फोन करते तो आपके आसपास वाले लोग फोन उठाते तक नहीं थे, फिर इतने इंतजार के बाद हम वहां से चले जाते थे। जब कांग्रेस-एनसीपी द्वारा शिवसेना के विधायकों को अपमानित किया जा रहा था, तब सिर्फ एकनाथ शिंदे ही उन शिवसैनिक विधायकों की सुनते थे।’
‘हमें रामलला के दर्शन करने थे, लेकिन सीएम ने रोक लिया‘
पत्र में आगे लिखा है, ‘जब आदित्य ठाकरे अयोध्या गए, तब विधायक भी उनके साथ जाना चाहते थे। लेकिन उद्धव ठाकरे ने एकनाथ शिंदे को कहा था कि विधायकों को अयोध्या जाने से रोका जाए। हमें रामलला के दर्शन करने थे, लेकिन सीएम ने रोक लिया।’