मुंबई, 4 जुलाई। महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने अपेक्षाओं के अनुरूप विधानसभा में आखिरी अग्निपरीक्षा पास करने के साथ बहुमत हासिल कर लिया है। राज्य विधानसभा तो दो दिवसीय विशेष सत्र के दूसरे दिन सोमवार को रखे गए विश्वास मत के प्रस्ताव पर शिंदे के पक्ष में 164 वोट मिले है जबकि 288 सदस्यीय विधानसभा में बहुमत के लिए उन्हें 145 मतों की आवश्यकता थी।
ध्वनिमत पर एतराज के बाद कराई गई वोटिंग, विपक्ष में पड़े 99 वोट
महाराष्ट्र विधानसभा की कार्यवाही पूर्वाह्न 11 बजे शुरू हुई। शिंदे सरकार की ओर से विश्वास मत का प्रस्ताव रखा गया तो विपक्ष ने ध्वनिमत से बहुमत साबित करने की बात पर एतराज जताया। इसके बाद वोटिंग से फ्लोर टेस्ट कराया गया। इसमें दोनों गुटों के
गौरतलब है कि सत्र के पहले दिन विधानसभा अध्यक्ष के चुनाव में भी शिंदे गुट की ओर से खड़े भाजपा विधायक राहुल नार्वेकर ने 107 के मुकाबले 164 मतों से जीत हासिल की थी। आज भी कमोबेश वही नजारा देखने को मिला बल्कि शिंदे के खिलाफ कल से भी आठ कम वोट पड़े।
हालांकि पहले दिन स्पीकर के चुनाव में शिंदे के पक्ष में मतदान करने वाले कुछ विधायकों ने आज विपक्ष में मत दिया तो वहीं कुछ सदस्यों की अनुपस्थिति और शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे गुट के कुछ विधायकों के शिंदे के साथ आने से विपक्ष में पड़े वोटों की संख्या कल के मुकाबले आठ घट गई।
अशोक चह्वाण सहित 5 विधायक नहीं डाल सके वोट
प्राप्त जानकारी के अनुसार वोटिंग प्रक्रिया में विपक्ष के पांच विधायक वोट नहीं डाल पाए। इनमें कांग्रेस के अशोक चह्वाण, विजय वडेट्टीवार और एनसीपी के अन्ना बंसोडे, संग्राम जगताप भी शामिल थे। इन विधायकों को विधानसभा पहुंचने में विलंब हो गया था, जिसके चलते इन्हें सदन के अंदर नहीं जाने दिया गया।
संतोष बांगड़ शिंदे गुट में शामिल, पक्ष में किया मतदान
शिवसेना विधायक संतोष बांगड़ ने भी शिंदे सरकार के समर्थन में वोट किया। उन्होंने आज ही उद्धव का दामन छोड़कर शिंदे गुट को ज्वॉइन किया है। इसके अलावा महा विकास अघाड़ी (एमवीए) की सहयोगी माने जाने वाली बहुजन विकास अघाड़ी के तीनों विधायकों ने भी शिंदे के पक्ष में मतदान किया। इस पार्टी के संस्थापक हितेंद्र ठाकुर हैं।
शिंदे शिवसेना विधायक दल के नेता, गोगावले चीफ ह्विप, अजीत पवार विपक्ष के नेता
इसके पूर्व फ्लोर टेस्ट से पहले ही उद्धव गुट झटका लगा, जब एकनाथ शिंदे को शिवसेना विधायक दल के नेता और गोगावले को चीफ ह्विप के तौर पर मान्यता मिल गई। वहीं एनसीपी नेता अजित पवार को विधानसभा में विपक्ष का नेता बनाया गया है। अब उद्धव गुट के 16 विधायकों पर, जिनमें उनके बेटे आदित्य ठाकरे भी शामिल हैं, शिंदे सरकार के खिलाफ वोटिंग पर एक्शन लिया जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट से उद्धव गुट को लगा झटका
उधर सुप्रीम कोर्ट से भी उद्धव ठाकरे ग्रुप फिर झटका लगा। नए चीफ ह्विप के चुनाव के खिलाफ उद्धव ठाकरे ग्रुप सुप्रीम कोर्ट पहुंचा था। याचिका में स्पीकर के एक्शन पर रोक लगाने की मांग हुई थी। उद्धव गुट ने ह्विप चीफ और लीडर ऑफ पार्टी को पद से हटाने का मुद्दा उठाया था। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वह इस पर आज नहीं, 11 जुलाई को बाकी मामलों के साथ सुनेगा।