उत्तरकाशी, 23 नवम्बर। उत्तरकाशी की सिलक्यारा सुरंग में फंसे हुए श्रमिकों को निकालने के लिए जारी ड्रिलिंग का काम गुरुवार को फिर रोकना पड़ा। ड्रिलिंग के लिए जिस मंच पर उपकरण लगे हैं, उसमें कुछ दरारें आ गईं। इस कारण यह कदम उठाना पड़ा। ड्रिलिंग का काम रुकने से अंदर फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के प्रयासों को एक और झटका लगा।
अधिकारियों ने कहा कि बचाव कर्मी ड्रिलिंग फिर से शुरू करने से पहले उस मंच को ‘स्थिर’ करेंगे, जिस पर 25 टन की ऑगर मशीन लगी हुई है। सुरंग में 11 दिनों से फंसे श्रमिकों को बाहर निकालने के लिए ढहे हुए हिस्से के मलबे में स्टील पाइप के टुकड़े डाले जा रहे हैं।
अंतरराष्ट्रीय विशेषज्ञ अर्नोल्ड डिक्स ने गुरुवार को कहा कि उत्तरकाशी सुरंग में मलबे के माध्यम से ड्रिलिंग करने वाली ऑगर मशीन को फिर से ‘कुछ कठिनाइयों’ का सामना करना पड़ रहा है। बचाव पाइप अब तक लगभग 47 मीटर तक चली गया है और श्रमिकों तक पहुंचने के लिए 10 मीटर और दूरी तय करने की जरूरत है।
गौरतलब है कि श्रमिक 12 नवम्बर से फंसे हुए हैं, जब सिल्कयारा से बरकोट तक निर्माणाधीन सुरंग सिलक्यारा की ओर 60 मीटर की दूरी में मलबा गिरने के कारण अवरुद्ध हो गई थी। बचावकर्मी कथित तौर पर फंसे हुए समूह से केवल 12 मीटर की दूरी पर हैं।
सीएम धामी ने फंसे श्रमिकों से बात कर उनका हौसला बढ़ाया
उम्मीद की जा रही है कि फंसे हुए श्रमिकों को शुक्रवार को निकाल लिया जाएगा। एम्बुलेंस तैयार हैं और स्थानीय स्वास्थ्य केंद्र में एक विशेष वार्ड तैयार रखा गया है। इसी बीच उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने भी सुरंग में फंसे श्रमिको से बात की और उनका हौसला बढ़ाया।