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अनुच्छेद 370 हटने का प्रभाव – संयुक्त राष्ट्र ने 2010 के बाद सेपहली बार अपनी दागी लिस्ट से भारत का नाम हटाया

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नई दिल्‍ली, 29 जून। जम्‍मू-कश्‍मीर को मुख्यधारा में लाने की केंद्र सरकार की कोशिश सफल होती प्रतीत रही हैं। इसकी एक बानगी यह है कि संयुक्त राष्ट्र (यूएन) ने वर्ष 2010 के बाद पहली बार अपनी चिंताजनक रिपोर्ट से भारत का नाम हटा दिया है।

सशस्त्र संघर्ष वाले क्षेत्रों में बच्चों की स्थिति पर संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट

संयुक्त राष्ट्र ने माना कि भारत सरकार ने ‘बच्‍चों की बेहतर सुरक्षा’ के लिए प्रभावकारी कदम उठाए हैं, खासतौर से जम्‍मू और कश्‍मीर में। यूएन ने महासचिव की ‘बच्चे और सशस्त्र संघर्ष रिपोर्ट’ के हालिया एडिशन से भारत का नाम निकाल दिया है। बाल अधिकारों के कथित उल्लंघन पर बनने वाली इस रिपोर्ट में पहले J&K को ‘संघर्ष क्षेत्र’ के रूप में बताया जाता था। यूएन की यह सालाना रिपोर्ट मंगलवार को जारी की गई। इसमें विभिन्न देशों में सशस्त्र संघर्षों के बच्चों पर असर और उनके अधिकारों के उल्लंघन की तस्वीर पेश की जाती है।

 

UN ने जम्‍मू-कश्‍मीर में भारत सरकार के प्रयासों की सराहना की

जनवरी-दिसम्बर 2022 के लिए तैयार रिपोर्ट में कहा गया है, ‘बच्चों की बेहतर रक्षा के लिए सरकार की तरफ से उठाए गए कदमों की रोशनी में, भारत को 2023 की रिपोर्ट से हटा दिया गया है।’ महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति इरानी ने एक ट्वीट में इस उपलब्धि के लिए अपने मंत्रालय, गृह मंत्रालय और विदेश मंत्रालय की टीम को बधाई दी।

मंत्रालय की ओर से जारी एक बयान में कहा गया, ‘भारत का नाम इस रिपोर्ट में 2010 से लगातार आ रहा था। हमारी गिनती बुर्किना फासो, कैमरून, चाड , नाइजीरिया, पाकिस्‍तान और फिलीपींस जैसे देशों के साथ होती थी। कथित रूप से रिपोर्ट में बच्‍चों का आतंकी समूहों द्वारा इस्‍तेमाल और सैन्‍य बलों की ओर से उन्‍हें हिरासत में लिए जाने की घटनाओं को शामिल किया जाता है।’

अनुच्छेद 370 हटने के बाद लागू हुआ JJ एक्ट

मंत्रालय ने कहा, ‘किशोर न्याय (बच्चों की देखभाल और संरक्षण) अधिनियम 2015 के तहत बाल कल्याण समिति और किशोर न्याय बोर्ड जैसी सभी जुडिशल सर्विस देने वाला इन्‍फ्रास्‍ट्रक्‍चर जम्मू-कश्मीर में स्थापित किया गया है।’ अगस्त 2019 में अनुच्छेद 370 को निरस्त करने के बाद ही जेजे एक्ट को जम्मू-कश्मीर में लागू किया गया था।

भारत के अपना पक्ष रखने के प्रयासों पर मंत्रालय ने कहा कि सरकार लगातार इस सूची से देश का नाम बाहर करने के प्रयासों में लगी हुई थी। नवम्बर, 2021 में एक अंतर-मंत्रालयी बैठक आयोजित होने के बाद महासचिव (एसआरएसजी) के विशेष प्रतिनिधि के साथ सरकार की चल रही व्यस्तता में तेजी आई। मंत्रालय द्वारा गृह मंत्रालय, जम्मू-कश्मीर प्रशासन और संयुक्त राष्ट्र के सहयोग से पिछले साल नवंबर में जम्मू-कश्मीर में बाल सुरक्षा अभियान को मजबूत करने पर एक वर्कशॉप आयोजित की गई थी।

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