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ED का कोर्ट में नया दावा – केजरीवाल ने आतिशी और सौरभ भारद्वाज का लिया नाम

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नई दिल्ली, 1 अप्रैल। दिल्ली के कथित शराब घोटाले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की रिमांड खत्म होने के बाद आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक व दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल सोमवार को जहां 15 अप्रैल तक तिहाड़ जेल भेज दिए गए वहीं कोर्ट की सुनवाई में पहली बार केजरीवाल सरकार की मंत्री आतिशी और सौरभ भारद्वाज का भी नाम सामने आया है।

ED ने कहा – जांच में सहयोग नहीं कर रहे केजरीवाल, गोलमोल जवाब दे रहे

दरअसल, सीएम केजरीवाल की रिमांड अवधि खत्म होने के बाद आज उन्हें स्पेशल जज कावेरी बावेजा की अदालत में पेश किया गया। ईडी की तरफ से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कोर्ट में पेश हुए एएसजी एसवी राजू ने कोर्ट से कहा कि फिलहाल उनकी रिमांड नहीं चाहिए और उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया जाए। राजू ने कहा कि केजरीवाल अधिकतर सवालों पर गोलमोल जवाब दे रहे हैं और जांच में सहयोग नहीं कर रहे हैं। अब यदि केजरीवाल को जमानत नहीं मिलती है तो उन्हें 14 दिनों तक जेल में रहना होगा।

आतिशी और सौरभ भारद्वाज को रिपोर्ट करते थे ‘AAP’ नेता विजय नायर

राजू ने सुनवाई के ही दौरान आतिशी का नाम लेते हुए एक बड़ा दावा किया और कहा कि विजय नायर केजरीवाल के करीबी रहे हैं। केजरीवाल ने पूछताछ में कहा कि नायर उन्हें रिपोर्ट नहीं करता था। राजू के मुताबिक दिल्ली के सीएम ने कहा कि नायर, आतिशी और सौरभ भारद्वाज को रिपोर्ट करते थे। यह पहली बार है, जब इस मामले में किसी तरह आतिशी और सौरभ भारद्वाज का नाम आया है। सिसोदिया और सत्येंद्र जैन के जेल जाने के बाद केजरीवाल सरकार में दोनों ताकतवर मंत्री हैं। अधिकतर मंत्रालय इन्हीं दोनों के हवाले हैं।

नायर ही AAP और घोटाले में शामिल साउथ लॉबीके बीच माध्यम थे

केंद्रीय जांच एजेंसी ने आरोप लगाया है कि आम आदमी पार्टी के नेता विजय नायर ही पार्टी और घोटाले में शामिल ‘साउथ लॉबी’ के बीच माध्यम थे। ईडी ने दावा किया था कि केजरीवाल ने वीडियो कॉल पर शराब कारोबारी समीर महेंद्रू से बात की थी और विजय नायर को अपना आदमी बताते हुए उस पर भरोसा करने को कहा था। नायर कथित शराब घोटाले में गिरफ्तार किए जाने वाले पहले ‘आप’ नेता थे। इस केस में केजरीवाल और नायर के अलावा दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया और राज्यसभा सांसद संजय सिंह को भी गिरफ्तार किया जा चुका है।

सीबीआई और ईडी की ओर से जांच किए जा रहे कथित घोटाले को लेकर दावा है कि आम आदमी पार्टी की सरकार ने 2021-22 की आबकारी नीति में गलत तरीके से कुछ प्रावधान करते हुए शराब कारोबारियों को फायादा पहुंचाया और बदले में उनसे रिश्वत हासिल की। दावा है कि रिश्वत में मिली रकम का इस्तेमाल पार्टी ने 2022 में गोवा विधानसभा चुनाव में किया गया।