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हिमाचल में OPS बहाल होने से आर्थिक संकट : सीएम सुखविंदर सुक्खू और उनके मंत्री 2 माह तक नहीं लेंगे वेतन

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शिमला, 29 अगस्त। हिमाचल प्रदेश के सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (Old Pension Scheme – OPS) बहाल होने के बाद मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अगुआई वाली कांग्रेस सरकार गंभीर आर्थिक संकट से जूझती प्रतीत हो रही है। इस कड़ी में सीएम सुक्खू एवं उनकी कैबिनेट के सदस्यों ने दो माह तक वेतन और भत्ते नहीं लेने का फैसला किया है।

सभी विधायकों से भी वेतन में कटौती करने की अपील

मुख्यमंत्री सुक्खू ने साथ ही सभी विधायकों से भी वेतन में कटौती करने की अपील की है। हालांकि, एक बयान में कहा गया है कि इस वर्ष अगस्त में विनाशकारी भूस्खलन, अचानक बाढ़ और भारी बारिश से उत्पन्न वित्तीय संकट से निबटने के लिए सुक्खू कैबिनेट ने यह फैसला लिया है।

उल्लेखनीय है कि पिछले कई माह से पहाड़ी राज्य में अचानक बाढ़ और भूस्खलन की घटनाएं देखने को मिली हैं। इस माह अकेले कुल्लू, मंडी और शिमला जिलों में बादल फटने से आई बाढ़ में करीब 30 लोगों की मौत हो गई और इतने ही लोग अब भी लापता हैं। 27 जून से नौ अगस्त के बीच बारिश से संबंधित घटनाओं में 100 से अधिक लोगों की मौत हो गई। अनुमान है कि इससे 842 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।

भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ से 280 सड़कें बंद

अधिकारियों ने बताया कि मूसलाधार बारिश की वजह से पुलों, सड़कों और अन्य सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंचा है। भूस्खलन और अचानक आई बाढ़ के कारण 280 सड़कें बंद करनी पड़ीं। इससे पर्यटन प्रभावित हुआ है। उल्लेखनीय है कि पर्यटन राज्य के लिए राजस्व का एक प्रमुख स्रोत है। पानी और बिजली की आपूर्ति पूरी तरह या आंशिक रूप से प्रभावित हुई है।

एक सप्ताह में 60 लोगों की मौत

सीएम सुक्खू ने कहा कि बादल फटने के कारण एक सप्ताह में 60 से अधिक लोगों की मौत हो गई। साथ ही राज्य को 10,000 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है। अगले महीने हिमाचल सरकार ने 4,500 करोड़ रुपये की सहायता की घोषणा की। केंद्र ने आपातकालीन निधि में 12,000 करोड़ रुपये मंजूर करने का एलान किया है। यह जून और सितम्बर के बीच 168 भूस्खलन और 72 अचानक आई बाढ़ की घटनाओं के बाद हुआ।

तमिलनाडु, कर्नाटक, राजस्थान, हरियाणा, ओडिशा और छत्तीसगढ़ ने भी तबाही के बाद राज्य को योगदान दिया। केंद्र ने लगातार दूसरे वर्ष वित्तीय सहायता की पेशकश की है। पिछले वर्ष अगस्त में केंद्र ने राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया कोष से अग्रिम सहायता के रूप में 200 करोड़ रुपये जारी करने को मंजूरी दी थी। यह राज्य निधि के अपने हिस्से से 360.8 करोड़ रुपये जारी करने के बाद था।