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क्रूज ड्रग्स केस में सनसनीखेज दावा : आर्यन को छोड़ने के लिए मांगे गए थे 25 करोड़, एनसीबी का इनकार

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मुंबई, 24 अक्टूबर। मायानगरी के चर्चित क्रूज ड्रग्स केस में शनिवार को एक गवाह की ओर से सनसनीखेज दावा किया गया कि बॉलीवुड सुपरस्टार शाहरुख खान के बेटे आर्यन खान को छोड़ जाने के एवज में 25 करोड़ रुपये की मांग रखी गई थी। हालांकि नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो (एनसीबी) ने ऐसे दावे को सिरे से खारिज कर दिया है जबकि शाहरुख खान के वकीलों ने इस पूरे दावे पर कोई प्रतिक्रिया देने से इनकार कर दिया है।

एनसीबी के चश्मदीद गवाह प्रभाकर सैल ने नोटरीकृत हलफनामे में किया दावा

प्रभाकर सैल नाम के शख्स ने एक नोटरीकृत हलफनामे में यह चौंकाने वाला दावा किया है। प्रभाकर ड्रग्स केस में एनसीबी के एक चश्मदीद गवाह हैं और उस किरण गोसावी के बॉडीगार्ड रहे, जिन्हें घटना वाली रात एनसीबी दफ्तर में आर्यन खान के साथ देखा गया था।

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प्रभाकर ने सोशल मीडिया पर जारी अपने हलफनामे में दावा किया है कि गोसावी ने आर्यन खान को छोड़ने के लिए 25 करोड़ रुपये की मांग की थी। गोसावी ने यह मांग एनसीबी चीफ समीर वानखेड़े की ओर से की थी।

शाहरुख की मैनेजर पूजा डडलानी से भी मिले थे गोसावी और सैम

बतौर प्रभाकर, वह क्रूज रेड के बाद हुए ड्रामे के समय मौजूद थे। उन्होंने किरण गोसावी और सैम नाम के एक शख्स को एनसीबी के दफ्तर के पास मिलते देखा था। सैल ने यह भी दावा किया है कि गोसावी और सैम लोअर परेल गए थे, जहां एक ब्लू कलर की गाड़ी आई। उन्होंने शाहरुख खान की मैनेजर पूजा डडलानी को उस ब्लू गाड़ी में बैठे देखा था।

18 करोड़ में मामला सेटल करने पर बनी थी सहमति

प्रभाकर के अनुसार गोसावी और सैम ने अपनी बातचीत में 25 करोड़ रुपये की मांग की थी, लेकिन 18 करोड़ में मामला सेटल करने को राजी हो गए थे। गोसावी ने कथित रूप से कहा था कि इस 18 करोड़ में से आठ करोड़ समीर वानखेड़े को जाएंगे और बाकी बचे पैसे दूसरों में बंटेंगे।

एनसीबी ने कहा – प्रभाकर को यह हलफनामा कोर्ट के सामने जमा करने की जरूरत

इस बीच एनसीबी मुंबई के डीडीजी (एसडब्ल्यूआर) मुथा अशोक जैन ने एक बयान जारी कर कहा है – ‘प्रभाकर सैल एनसीबी की मुंबई जोनल यूनिट के क्राइम नंबर 94/2021 के चश्मदीद हैं। मुझे सोशल मीडिया के जरिए एक एफिडेविट मिला है। इसमें प्रभाकर सैल ने दो अक्टूबर को हुई बातों की डिटेल दी हैं। यह मामला कोर्ट में चल रहा है। ऐसे में इस केस के एक चश्मदीद के तौर पर उन्हें कोर्ट के सामने इसे जमा करने की जरूरत है, न कि सोशल मीडिया पर। प्रभाकर द्वारा कुछ लोगों पर बातों को सुनने के आधार पर इल्जाम लगाए गए हैं।’

अशोक जैन ने बयान में कहा, ‘हमारे जोनल डायरेक्टर समीर वानखेड़े इन इल्जामों को सिरे से ख़ारिज करते हैं। एफिडेविट में कुछ चीजें चौंकाने वाली हैं। ऐसे में मैं इस एफिडेविट को डायरेक्टर जनरल नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो को फारवर्ड रहा हूं और उनसे दरख्वास्त करता हूं कि इसपर आवश्यक काररवाई करें।’