वायनाड, 2 अगस्त। केरल के वायनाड में मंगलवार तड़के भूस्खलन की कई घटनाओं के बाद राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी है। प्राकृतिक आपदा के तीन दिन बाद भी बचाव दल ने उम्मीदें नहीं छोड़ी हैं और जीवित लोगों का पता लगाने के लिए ड्रोन चित्रों और सेल फोन से जीपीएस का उपयोग किया जा रहा है।
मलबे में दबे लोगों को खोज निकालने में सक्षम हैं ड्रोन
बचाव अभियान को गति देने के लिए दिल्ली के निकट हिंडन एयरफोर्स स्टेशन से विमान सी-130 जे द्वारा शुक्रवार दोपहर चार विशेष ड्रोन और तकनीकी टीम भेजी गई है। ड्रोन आसमान में उड़ेंगे और उनमें लगे विशेष सेंसर और रडार से तीन मीटर नीचे तक मलबे में दबे लोगों का पता लगा सकेंगे।
मृतकों में 83 महिलाएं व 29 बच्चे शामिल
इस बीच केरल के पर्यटन मंत्री पीए मोहम्मद रियास ने बताया कि भूस्खलन में मरने वालों की संख्या 210 हो गई है। 83 महिलाओं और 29 बच्चों सहित 210 शव बरामद किए गए हैं।उन्होंने बताया कि 119 शव मृतकों के स्वजन को सौंप दिए गए हैं। लगभग 300 लोग अब भी लापता हैं, जिससे मरने वालों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
पर्यटन मंत्री ने यह भी बताया कि भूस्खलन प्रभावित क्षेत्रों में करीब 1,374 बचावकर्मी जीवित लोगों की तलाश के अभियान में जुटे हुए हैं। शुक्रवार को पदावेट्टी कुन्नू के निकट एक सुनसान घर से चार लोगों के एक परिवार को बचाया गया।
हेलीकॉप्टर की भी ली जा रही मदद
अधिकारियों ने बताया कि बचाव कार्य को सुविधाजनक बनाने के लिए एक उन्नत लाइट हेलीकॉप्टर (एएलएच) की मदद ली गई। त्वरित काररवाई करते हुए फंसे हुए व्यक्तियों को समय पर निकाल लिया गया। सेना ने कहा कि बचाई गई महिलाओं में से एक को पैर में तकलीफ हो रही थी और उसे आवश्यक चिकित्सा सहायता प्रदान की गई।
सेना ने तैयार किया बेली ब्रिज
सेना द्वारा 190 फुट लंबे बेली ब्रिज का निर्माण पूरा होने के बाद बचाव अभियान में तेजी आई है। बचावकर्मियों को उत्खनन मशीनें और एंबुलेंस समेत अन्य भारी उपकरण भूस्खलन से सबसे अधिक प्रभावित मुंडक्कई और चूरलमाला बस्तियों तक ले जाने में सफलता मिली है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार जब बचाव दल भारी मशीनरी का उपयोग करके मलबे और लकड़ी के लट्ठ से ढके घरों को साफ करेंगे, तब वास्तविक मानवीय क्षति का पता चलेगा।