नई दिल्ली, 10 दिसंबर। विदेश मंत्री डॉ.एस.जयशंकर ने कहा है कि ईरान पर अमेरिकी प्रतिबंध चाबहार परियोजना के संदर्भ में प्रासंगिक नहीं हैं। उन्होंने संसद के शीतकालीन सत्र के दौरान शुक्रवार को लोकसभा में एक प्रश्न के उत्तर में यह जानकारी दी।
गौरतलब है कि मई, 2016 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ईरान यात्रा के दौरान भारत, ईरान और अफगानिस्तान के बीच चाबहार समझौते पर हस्ताक्षर किए गए थे। डॉ. जयशंकर ने कहा कि समझौते पर वर्ष 2016 में हस्ताक्षर के बावजूद 2018 में परिचालन शुरू हुआ। तब से अब तक इसके माध्यम से 160 पोत और 32 लाख टन माल की ढुलाई हुई।
चाबहार बंदरगाह परियोजना की शर्तें ईरान तक सीमित
विदेश मंत्री ने बताया कि चाबहार बंदरगाह परियोजना की शर्तें ईरान तक सीमित हैं और बंदरगाह परिचालन के लिए अफगानिस्तान सरकार की सहमति की जरूरत नहीं है। उन्होंने कहा कि भारत चाबहार बंदरगाह के शहीद बहिश्ती टर्मिनल के विकास के लिए 8.50 करोड़ डॉलर के कुल अनुदान सहयोग और डेढ़ करोड़ डॉलर के ऋण सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है।
भारत ने बंदरगाह के रास्ते 75 हजार मीट्रिक टन गेहूं अफगानिस्तान भेजा
डॉ. जयशंकर ने बताया कि भारत ने चाबहार बंदरगाह से अफगानिस्तान के लिए मानवीय सहायता के रूप में 75 हजार मीट्रिक टन गेहूं भेजा है। एक अन्य प्रश्न के उत्तर में उन्होंने कहा कि भारत लौट आए अनिवासी भारतीयों का रोजगार बहाल करने और बकाया भुगतान दिलाने के प्रयास किए जा रहे हैं।