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डॉ. जयशंकर ने कहा – ‘आतंकवाद की समस्या अब भी कायम, इसका उन्मूलन एससीओ के मूल उद्देश्यों में एक’

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पणजी, 5 मई। विदेश मंत्री डॉ. सुबह्मण्‍यम जयशंकर ने कहा है कि आतंकवाद का कोई औचित्‍य नहीं हो सकता और सीमा-पार आतंकवाद सहित हर प्रकार के आतंकवाद को हर हाल में रोका जाना चाहिए। शुक्रवार को यहां शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के विदेश मंत्रियों की बैठक में डॉ. जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद की समस्या अब भी बनी हुई है और इसका उन्‍मूलन करना संगठन के मूल उद्देश्‍यों में से एक है।

‘समस्‍या की अनदेखी से हमारे सुरक्षा हितों पर प्रतिकूल प्रभाव पडेगा

डॉ. जयशंकर ने कहा कि आतंकवाद इस क्षेत्र की एक बडी समस्‍या है और आतंकवाद से मुक्ति के उपायों को प्राथमिकता दिया जाना समय की मांग है। उन्‍होंने कहा, ‘इस समस्‍या की अनदेखी करने से हमारे सुरक्षा हितों पर प्रतिकूल प्रभाव पडेगा और आतंक के लिए धन उपलब्‍ध कराने वाले माध्‍यमों को तत्‍काल बंद किए जाने की आवश्‍यकता है।

अंग्रेजी को एससीओ की तीसरी आधिकारिक भाषा का दर्जा देने का अनुरोध

बैठक की अध्यक्षता कर रहे विदेश मंत्री ने अंग्रेजी को शंघाई सहयोग संगठन की तीसरी आधिकारिक भाषा का दर्जा देने के लिए सदस्‍य देशों से सहयोग का अनुरोध किया। उन्‍होंने कहा कि संगठन के अध्‍यक्ष के तौर पर भारत ने प्रेक्षक देशों और वार्ता भागीदारों को 14 से अधिक सामाजिक-सांस्‍कृतिक कार्यक्रमों में आमंत्रित कर अभू‍तपूर्व कदम उठाया है।

बैठक में 15 निर्णयों को दिया जा सकता है अंतिम रूप

शंघाई सहयोग संगठन के सदस्‍य देशों के विदेश मंत्री गोवा में अपनी बैठक के दूसरे व अंतिम दिन 15 निर्णयों को अंतिम रूप दे सकते हैं, जिन पर जुलाई के शिखर सम्‍मेलन में चर्चा होगी। इन प्रस्‍तावों का उद्देश्‍य संगठन के सदस्‍य देशों के बीच व्‍यापार, प्रौद्योगिकी, वाणिज्‍य, सुरक्षा और सामाजिक-सांस्‍कृतिक संबंधों के क्षेत्र में सहयोग को बढावा देना है।

संगठन के विदेश मंत्रियों की दो दिन की बैठक गुरुवार को शुरू हुई थी। बैठक में पाकिस्‍तान और चीन सहित आठ देशों के विदेश मंत्री हिस्‍सा ले रहे हैं। भारत पिछले वर्ष सितम्‍बर से संगठन का अध्‍यक्ष है। शंघाई सहयोग संगठन की बैठक से इतर, डॉ. जयशंकर ने चीन, रूस और उज्बेकिस्‍तान के विदेश मंत्रियों के साथ चर्चा की है।

डॉ. जयशंकर ने संगठन के महासचिव चांग मिंग के साथ मुलाकात में संगठन की अध्‍यक्षता के लिए भारत को सहयोग देने के प्रति आभार प्रकट किया। शंघाई सहयोग संगठन में शामिल देश हैं – रूस, भारत, चीन, पाकिस्‍तान, कजाखस्‍तान, किर्गि‍जिस्‍तान, तजिकिस्‍तान और उज्बेकिस्‍तान।

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