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डॉ. गुलेरिया की चेतावनी – वैक्सीन को भी चकमा दे सकता है कोरोना का नया वैरिएंट

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नई दिल्ली, 29 नवंबर। अखिल भारताय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) नई दिल्ली के निदेशक डॉ. रणदीप गुलेरिया ने चेतावनी दी है कि दक्षिण अफ्रीका में मिला कोविड-19 का नया वैरिएंट ओमिक्रॉन के स्पाइक प्रोटीन क्षेत्र में 30 से अधिक परिवर्तन मिले हैं, जो इसे प्रतिरक्षा तंत्र से बचने की क्षमता विकसित करने में मदद कर सकता है। यही कारण है कि यह वैरिएंट कोरोनारोधी टीकों को भी चकमा देने में सक्षम हो सकता है।

ओमिक्रॉन के खिलाफ टीकों की प्रभावशीलता का मूल्याकंन गंभीरता से करने की जरूरत

डॉ. गुलेरिया ने कहा कि ओमिक्रॉन के खिलाफ टीकों की प्रभावशीलता का मूल्याकंन गंभीरता से करने की जरूरत है। गौरतलब है कि स्पाइक प्रोटीन की उपस्थिति पोषक कोशिका में वायरस के प्रवेश को आसान बनाती है और इसे फैलने देने और संक्रमण पैदा करने के लिए जिम्मेदार है।

एम्स निदेशक ने कहा कि अधिकतर टीके स्पाइक प्रोटीन के खिलाफ एंटीबॉडी बनाकर काम करते हैं, इसलिए स्पाइक प्रोटीन क्षेत्र में इतने सारे परिवर्तन से कोविड-19 टीकों की प्रभावशीलता कम हो सकती है। उन्होंने कहा कि भविष्य की काररवाई इस बात पर निर्भर करेगी कि इसके प्रसार, तीव्रता और प्रतिरक्षण क्षमता से बच निकलने के सामर्थ्य पर अधिक जानकारी में क्या सामने आता है।

बारीकी से नजर रखी जा रही

इस बीच अधिकारियों ने कहा कि भारतीय सार्स-सीओवी-2 जीनोमिक कंसोर्टिया (इनसाकोग) कोरोना के नए स्वरूप बी.1.1.1.529 पर बारीकी से नजर रख रहा है और देश में इसकी उपस्थिति का अब तक पता नहीं चला है। डॉ. गुलेरिया ने अंतरराष्ट्रीय यात्रियों और उस क्षेत्र में जहां मामलों की संख्या में अचानक वृद्धि हुई है, दोनों के लिए बहुत सतर्क रहने और आक्रामक निगरानी रखने की आवश्यकता पर बल दिया।

कोविड उपयुक्त आचरण का पालन करने की सलाह

डॉ. गुलेरिया ने सुझाव दिया , हमें सभी से ईमानदारी से कोविड उपयुक्त आचरण का पालन करने के लिए कहना चाहिए और अपनी सुरक्षा को कम नहीं करना चाहिए। साथ ही यह भी सुनिश्चित करना होगा कि लोगों को टीके की दोनों खुराकें मिलें और जिन लोगों ने अब तक टीका नहीं लिया है, उन्हें इसे लेने के लिए आगे आने के लिए प्रोत्साहित किया जाए।

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