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डॉ. दिनेश शर्मा राज्यसभा के लिए निर्विरोध निर्वाचित, विधान परिषद की सदस्यता से देंगे इस्तीफा

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लखनऊ, 8 सितम्बर। उत्तर प्रदेश की एक राज्यसभा सीट पर हुए उपचुनाव में शुक्रवार को भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के प्रत्याशी डॉ. दिनेश शर्मा निर्विरोध निर्वाचित हो गए। पूर्व राज्यसभा सदस्य हरद्वार दुबे के निधन से खाली हुई सीट पर हुए उपचुनाव में भाजपा ने यूपी के उप मुख्यमंत्री दिनेश शर्मा को प्रत्याशी बनाया था।

चूंकि उपचुनाव में एक मात्र नामांकन डॉ. दिनेश शर्मा का ही दाखिल हुआ था, जिसके चलते शुक्रवार को नामांकन वापसी के अंतिम दिन निर्वाचन अधिकारी ब्रजभूषण दुबे ने डॉ. शर्मा को निर्विरोध निर्वाचित घोषित कर किया। शाम को विधानमंडल भवन के सेंट्रल हॉल में निर्वाचन अधिकारी ब्रजभूषण दुबे ने डॉ. दिनेश शर्मा को राज्यसभा सदस्य निर्वाचित होने का प्रमाण पत्र सौंपा।

डॉ. दिनेश शर्मा वर्तमान में विधान परिषद के सदस्य हैं और उनका कार्यकाल 30 जनवरी, 2027 तक है। ऐसे में अब डॉ. दिनेश शर्मा परिषद सदस्य के पद से इस्तीफा देंगे। विधान परिषद की उनकी रिक्त सीट पर फिर उपचुनाव होगा।

भाजपा ने इसलिए भेजा राज्यसभा

लखनऊ के दो बार मेयर रहे डॉ. दिनेश शर्मा का ताल्लुक लखनऊ के एक कर्मकांडी ब्राह्मण परिवार से है। उनके पिता केदार नाथ शर्मा आरएसएस और जनसंघ के कार्यकर्ता थे। दिनेश शर्मा ने लखनऊ विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त की और फिर बाद में यहीं प्रोफेसर भी रहे। प्रोफेसर कार्यकाल के दौरान उन्होंने 20 से अधिक छात्रों को पीएचडी करवाई और छह किताबें लिखी हैं।

ब्राह्मण होने के नाते ही पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने उन्हें  हरद्वार दुबे के निधन से रिक्त हुए सीट से राज्यसभा भेजने का फैसला किया। हालांकि सीएम योगी और प्रदेश भाजपा संगठन ने तो उन्हें राज्यसभा भेजे जाने की सिफारिश भी नहीं की थी। पार्टी संगठन तो चाहता था कि जाने-माने कवि कुमार विश्वास, प्रदेश उपाध्यक्ष ब्रज बहादुर और पूर्व क्षेत्रीय अध्यक्ष महेश श्रीवास्तव में से किसी एक को राज्यसभा भेजा जाए। लेकिन भाजपा ने दिनेश शर्मा के नाम का एलान कर सभी को चौंका दिया।

राजस्थान चुनाव में दिनेश शर्मा का उपयोग करना चाहता है भाजपा नेतृत्व

बताया जा रहा है कि दिनेश शर्मा का उत्तर प्रदेश, गुजरात और राजस्थान से रिश्ता है। उनका परिवार मूल रूप से राजस्थान का रहने वाला है और वह गुजरात के प्रभारी रहे हैं। ऐसे में पार्टी नेतृत्व उनका उपयोग राजस्थान के विधानसभा चुनाव में करना चाहता है। इसीलिए दिनेश शर्मा को राज्यसभा में लाकर उनका ओहदा बढ़ाते हुए अब भाजपा ने राजस्थान में ब्राह्मण वर्ग के वोटरों में बड़ा मैसेज दिया है। भाजपा के नेताओं के अनुसार, राष्ट्रीय स्तर की राजनीति में दिनेश शर्मा बीते दो दशक से सक्रिय रहे हैं और उन्हे राज्यसभा भेजना यूपी के लिए एक बड़ा संदेश भी माना जा रहा है। पार्टी अब राजस्थान के चुनाव से उनके जरिए जातीय समीकरण साधेगी।

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