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मनीष सिसोदिया को दोहरा झटका – ईडी को 7 दिनों की रिमांड मिली, जमानत भी टली

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नई दिल्ली, 10 मार्च। दिल्ली के पूर्व उप मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया सीबीआई के बाद अब प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के भी शिकंजे में आ गए हैं। ईडी ने शुक्रवार को अदालत से उनकी 10 दिनों की रिमांड मांगी, जिसका सिसोदिया के वकीलों ने पुरजोर विरोध किया। लेकिन कोर्ट ईडी की दलीलों से संतुष्ट दिखा और दिल्ली के सिसोदिया को सात दिनों के लिए एजेंसी की कस्टडी में भेज दिया। सिसोदिया के लिए दिन में यह दूसरा तगड़ा झटका था क्योंकि इससे पहले स्पेशल सीबीआई कोर्ट में उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई 21 मार्च तक के लिए टल गई थी।

ईडी ने दिल्ली के राउज एवेन्यू कोर्ट परिसर में स्थित सीबीआई की विशेष अदालत में जज एमके नागपाल से कहा कि सिसोदिया दिल्ली शराब घोटाले की जांच में बिल्कुल भी सहयोग नहीं कर रहे, इसलिए उन्हें कस्टडी में लेकर पूछताछ जरूरी है। इसी आरोप पर अदालत ने सीबीआई को भी सिसोदिया की हिरासत बढ़ा दी थी। दोनों केंद्रीय जांच एजेंसियां कोर्ट में बार-बार दावा कर रही हैं कि सिसोदिया सवालों को टाल रहे हैं और जांच को हल्के में ले रहे हैं।

आरोप – सिसोदिया ने फोन आदि के रूप में मौजूद सबूतों को नष्ट कर दिया है

अब ईडी के वकील जोहेब हुसैन ने सिसोदिया पर सबूत नष्ट करने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह दूसरे लोगों के नाम पर जारी सिम कार्ड का उपयोग करते थे ताकि बाद में मामला फंस जाए तो उसे अपनी ढाल बना सकें। उन्होंने अदालत से सिसोदिया की 10 दिनों की रिमांड मांगी। वकील ने कहा, ‘हम रिमांड इसीलिए मांग रहे हैं क्योंकि आरोपित शुरुआत से सवालों के जवाब देने से बचता आ रहा है। जांच में बिल्कुल सहयोग नहीं कर रहा है। उन्होंने फोन आदि के रूप में मौजूद सबूतों को नष्ट कर दिया है।’

ईडी ने रिमांड के लिए अदालत के सामने रखे 5 आधार

  1. सिसोदिया के पीएस का बयान जो कहता है कि मीटिंग में इस मुद्दे पर कोई चर्चा नहीं हुई।
  2. इंडो स्पिरिट के साथ सिसोदिया की नजदीकी।
  3. दिनेश अरोड़ा का बयान।
  4. दो अन्य आरोपितों का बयान।
  5. अन्य आरोपितों और सिसोदिया के बयान में अंतर।

पहली बार अरविंद केजरीवाल और संजय सिंह का भी नाम लिया

दरअसल, कोर्ट में ईडी ने दिल्ली शराब घोटाले को लेकर बड़े-बड़े दावे किए हैं। ईडी ने कहा कि बड़ी सोची-समझी रणनीति के तहत घोटाले को अंजाम दिया गया है, जिसमें आम आदमी पार्टी (AAP) के शीर्ष नेताओं की मिलीभगत थी। इसी क्रम में पहली बार दिल्ली के मुख्यमंत्री और आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल का नाम भी लिया गया। ईडी ने कहा कि सिसोदिया के इशारे पर घोटाले की पटकथा लिखी गई, जिसमें अरविंद केजरीवाल और ‘आप’ के राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने भी भूमिका निभाई है।

ईडी का पक्ष रख रहे वकील जोहेब हुसैन ने दावा किया कि साउथ ग्रुप को फायदा पहुंचाने के लिए शराब नीति में सारे बदलाव किए गए थे। उन्होंने विशेष जज एमके नागपाल से कोर्ट में पेश किए गए दस्तावेजी सबूतों को देखने की अपील की। उन्होंने कहा कि दस्तावेज सबूत चीख-चीखकर गवाही दे रहे हैं कि किस तरह मुट्ठीभर प्राइवेट कम्पनियों को बेजा फायदा पहुंचाने के लिए मनमाने नियम बनाए गए।’

ईडी के दावों पर सिसोदिया की तरफ से तीन सीनियर एडवोकेट दयान कृष्णन, मोहित माथुर और सिद्धार्थ अग्रवाल ने जवाबी दलील दी। इस पर ईडी ने सिसोदिया की तरफ से अपने बचाव में तीन वकीलों को उतारने पर सवाल उठाया। लेकिन अदालत ने तीनों को दलील रखने की इजाजत दे दी। आम तौर पर किसी केस में एक आरोपित का बचाव एक वकील ही करता है।

सिसोदिया के वकीलों ने ईडी के दावों को किया खारिज

सिसोदिया की तरफ से पेश वकीलों – दयान कृष्णन, सिद्धार्थ अगरवाल और मोहित माथुर ने ईडी के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि केंद्रीय एजेंसी तिल के ताड़ बना रही है। उन्होंने ईडी के इस आरोप को भी सिरे से खारिज कर दिया कि सिसोदिया पूछताछ में सवालों के जवाब नहीं दे रहे हैं।

कृष्णन ने एजेंसी की मंशा पर सवाल उठाते हुए कहा की नीति बनाना कार्यकारी अधिकारियों का काम है, जिसकी कई स्तर पर जांच होती है। यह कुछ और नहीं, बस एक व्यक्ति को लगातार हिरासत में रखने की कोशिश है। माथुर ने कहा कि ईडी ने जो दस्तावेज अदालत के सामने रखा है, वो कहीं भी यह नहीं दिखाता है कि जो भी पैसे इधर से उधर हुए, वो मुझे (सिसोदिया को) मिले या मैंने किसी को दिए।

26 फरवरी से तिहाड़ जेल में हैं सिसोदिया

गौरतलब है कि दिल्ली की शराब नीति बदलकर घोटाला करने के आरोप में सीबीआई ने सिसोदिया को पिछले माह 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था। वह छह मार्च तक सीबीआई की हिरासत में रहे, उसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। वहीं ईडी ने उनसे पूछताछ शुरू की और तीसरे दिन उन्हें गिरफ्तार कर लिया। सिसोदिया आज भी पेशी के लिए राउज एवेन्यू कोर्ट स्थित सीबीआई की विशेष अदालत जाते वक्त मीडिया कैमरों के सामने मुस्कुरा रहे थे। लगता है यह मुस्कुराहट आने वाले दिनों में उन पर और भारी पड़ने वाली है।

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