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दूरदर्शन जल्द ही शुरू करेगा अंतरराष्ट्रीय चैनल, वैश्विक मंचों पर मजबूती से दिखेगा भारत का नजरिया

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नई दिल्ली, 21 मई। विदेशी मीडिया में भारत विरोधी प्रचार का प्रत्याक्रमण करने और दुनिया के सामने भारत के नजरिए को मजूबत आवाज देने के लिए मोदी सरकार एक बड़ा कदम उठाने जा रही है। इस क्रम में सरकार ने देश का इंटरनेशनल चैनल लॉन्च करने की दिशा में कदम बढ़ा दिया है। बीबीसी की तर्ज लॉन्च किए जाने वाले इस चैनल के दुनिया के प्रमुख देशों में ब्यूरो बनाए जाएंगे। सरकार के इस कदम के बाद वैश्विक मंचों पर भारत का नजरिया काफी मजूबती से दिखाई देगा।

राष्ट्रीय प्रसारणकर्ता प्रसार भारती ने एक सलाहकार के लिए हाल ही में टेंडर निकाला है। यह सलाहकार सरकार की अंतरराष्ट्रीय मौजूदगी वाला चैनल ‘डीडी इंटरनेशनल’ को लॉन्च कराने की योजना तैयार करेगा। इस अंतरराष्ट्रीय चैनल का काम भारत की छवि को दुनिया के सामने पेश करने की होगा।

प्रसार भारती के मुख्य कार्यकारी अधिकारी एस.एस. वेम्पति ने जानकारी दी कि पिछले कुछ समय से इस तरह की एक परियोजना चल रही थी। उन्होंने बताया कि दूरदर्शन के लिए अंतरराष्ट्रीय उपस्थिति स्थापित करना लंबित रणनीतिक उद्देश्य रहा है। प्रसार भारती बोर्ड ने बीते मार्च महीने में अपनी पिछली बैठक  में  एक उपयुक्त रणनीति सलाहकार को शामिल करके एक परियोजना रोडमैप विकसित करने की अनुमति दी थी।

वेम्पति ने बताया डीडी इंटरनेशनल के लिए वैश्विक स्तर पर ब्यूरो स्थापित किए जाएंगे। इनकी वर्ल्ड सर्विस स्ट्रीमिंग दुनिया के कई देशों में 24 घंटे होंगी। उन्होंने बताया कि यह बीबीसी वर्ल्ड सर्विस की तरह समाचार पर आधारित होगी। बाद में इसे विकसित किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि भारत में बहुत से अंतरराष्ट्रीय हित सांस्कृतिक हैं।

एक अधिकारी ने कहा कि दूरदर्शन इंडिया को जब अंग्रेजी चैनल बनाया गया था, तब इसे एक अंतरराष्ट्रीय चैनल बनाए जाने की चर्चा हुई थी। हालांकि दूरदर्शन समाचार के केवल अंग्रेजी संस्करण को दिखाने से कंटेंट के डुप्लीकेशन को ही इसने जन्म दिया। पिछले हफ्ते दूरदर्शन ने डीडी इंटरनेशनल के लिए एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट यानी ईओआई जारी किया है। इसमें प्राइवेट कम्पनियों से डीडी इंटरनेशनल के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट का मसौदा तैयार करने के लिए कमेंट करने को कहा गया है।

ज्ञातव्य है कि मोदी सरकार के आने के बाद विदेशी मीडिया में भारत की आलोचना पर आधारित प्रचार बढ़ गया है। अंतरराष्ट्रीय मीडिया के लिए रिपोर्ट करने वाले कई भारतीय पत्रकार मोदी के सख्त विरोधी हैं और इनकी रिपोर्टों से अन्य विदेशी अखबार भी राय बनाते हैं। हर प्रमुख अवसर पर और हर बड़े फैसले के विरोध में विदेशी मीडिया ने मोदी सरकार का विरोध किया है।

हालिया किसान आंदोलन को लेकर विदेशी मीडिया में काफी आलोचना की गई थी, जिसके पहले बॉलीवुड की घटनाओं पर भी बड़े अंग्रेजी अखबारों ने मोदी सरकार को आड़े हाथों लिया था। तब कनाडा स्थित पाकिस्तानी पत्रकार ताहिर गोरा सहित कई बुद्धिजीवियों और पत्रकारों ने खुलकर कहा था कि भारत सरकार अंतरराष्ट्रीय मीडिया में अपना पक्ष ठीक से नहीं रख पा रही है। इस दिशा में उसे सोचना चाहिए।

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