Site icon hindi.revoi.in

डॉलर को स्वीकार करना होगा नहीं तो… ब्रिक्स के देशों को ट्रंप की धमकी

Social Share

वाशिंगटन, 31 जनवरी।  डोनाल्ड ट्रंप ने शुक्रवार को डी-डॉलराइजेशन के खिलाफ अपना रुख स्पष्ट करते हुए ब्रिक्स देशों को सख्त चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि अगर ब्रिक्स ने वैश्विक व्यापार में मुख्य मुद्रा के रूप में अमेरिकी डॉलर को हटाने की कोशिश की तो उनके निर्यात पर 100 फीसदी शुल्क लगा दिया जाएगा।

वैश्विक व्यापार में अमेरिकी डॉलर की भूमिका को स्वीकार करना होगा

एनडीटीवी की एक रिपोर्ट के मुताबिक राष्ट्रपति ट्रंप ने बार-बार कहा कि ब्रिक्स देशों को वैश्विक व्यापार में अमेरिकी डॉलर की भूमिका को स्वीकार करना होगा या फिर आर्थिक नतीजे भुगतने पड़ेंगे। रिपोर्ट के मुताबिक यह पहली बार नहीं है जब राष्ट्रपति ट्रंप ने इस तरह की चेतावनी दी। इससे पहले अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव जीतने के कुछ सप्ताह बाद 30 नवंबर को उन्होंने यही धमकी दी थी।

ब्रिक्स देशों का डॉलर से दूर जाने की कोशिश स्‍वीकार नहीं

राष्ट्रपति ट्रंप ने एक पोस्ट में लिखा, “यह विचार कि ब्रिक्स देश डॉलर से दूर जाने की कोशिश कर रहे हैं, जबकि हम खड़े होकर देख रहे हैं, खत्म हो चुका है।” एनडीटीवी ने अमेरिकी राष्ट्रपति की एक पोस्ट का हवाला देते हुए कहा, “हमें इन शत्रुतापूर्ण देशों से यह प्रतिबद्धता चाहिए कि वे न तो नई ब्रिक्स मुद्रा बनाएंगे, न ही शक्तिशाली अमेरिकी डॉलर की जगह पर किसी अन्य मुद्रा का समर्थन करेंगे, अन्यथा उन्हें 100 प्रतिशत टैरिफ का सामना करना पड़ेगा, उन्हें अद्भुत अमेरिकी अर्थव्यवस्था को अपना सामान बेचने से मना करना पड़ेगा।”

ट्रंप ने शुक्रवार को अपने पोस्ट में लिखा, “वे किसी दूसरे बेवकूफ देश को खोज सकते हैं। इस बात की कोई संभावना नहीं है कि ब्रिक्स अंतरराष्ट्रीय व्यापार में या कहीं और अमेरिकी डॉलर की जगह ले लेगा, और जो भी देश ऐसा करने की कोशिश करेगा, उसे टैरिफ को नमस्ते और अमेरिका को अलविदा कहना चाहिए।”

ब्रिक्स अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने के तरीकों पर कर रहे हैं विचार 

कई सालों से ब्रिक्स समूह के देश अमेरिकी डॉलर पर निर्भरता कम करने के तरीकों पर विचार कर रहे हैं। रिपोर्ट में कहा गया कि भले ही समूह के पास अभी तक एक आम मुद्रा नहीं है, लेकिन इसके सदस्य देश जिनमें ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं, हाल ही में अपनी स्थानीय मुद्राओं में व्यापार को बढ़ावा दे रहे हैं।

Exit mobile version