रुपये में लगातार दूसरे दिन गिरावट देखने को मिली है। डॉलर के मुकाबले रुपया अब तक के सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है। रुपया शुक्रवार को 41 पैसे की गिरावट के साथ डॉलर के मुकाबले 81.20 के ऑल-टाइम लो पर पहुंच गया है। यूएस ट्रेजरी यील्ड्स के कई साल के हाई पर पहुंचने और इंपोर्टर्स की तरफ से डॉलर की ऊंची डिमांड के कारण रुपये में यह गिरावट आई है। रुपये में गुरुवार को फरवरी के बाद से सबसे बड़ी सिंगल सेशन पर्सेंटेज गिरावट आई थी। डॉलर के मुकाबले गुरुवार को रुपये में 99 पैसे की गिरावट आई थी।
- यूएस बॉन्ड यील्ड्स में 4.1% का उछाल आया
यूएस डॉलर इंडेक्स 111 की रेंज के ऊपर बना हुआ है। वहीं, यूएस बॉन्ड यील्ड्स में 4.1 पर्सेंट का उछाल आया है। ट्रेडर्स का कहना है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) की तरफ से आक्रामक तरीके से दखल न दिए जाने और यूएस फेडरल रिजर्व के रेट आउटलुक के कारण रुपये में गिरावट देखने को मिली है। 10 साल की अवधि वाले यूएस ट्रेजरी यील्ड में 3.70 पर्सेंट और दो साल वाले ट्रेजरी यील्ड में 4.16 पर्सेंट का उछाल आया है।
- रुपये में आ सकती है और कमजोरी
यूएस डॉलर के मुकाबले रुपया गुरुवार को 80.86 रुपये के रिकॉर्ड लो पर बंद हुआ था। वहीं, बुधवार को रुपया 79.97 के स्तर पर था। डॉलर इंडेक्स शुक्रवार को 111.35 के स्तर पर लगभग फ्लैट रहा, यह दो दशक के अपने हाई 111.81 के करीब रहा। डॉलर इंडेक्स गुरुवार को इस स्तर पर पहुंचा था। एशियन करेंसीज में गुरुवार को रुपया सबसे ज्यादा गिरावट वाली करेंसीज में रहा। एनालिस्ट्स का कहना है कि रुपये में और गिरावट देखने को मिल सकती है। CR फॉरेक्स ए़डवायजर्स ने एक नोट में कहा है कि शॉर्ट टर्म में रुपया नए लो को टेस्ट कर सकता है। हमारा मानना है कि आने वाले समय में रुपया 81.80 से 82 रुपये तक जा सकता है।