Site icon hindi.revoi.in

पहली बार छलका डीके शिवकुमार का दर्द, बोले – ‘मुझे गांधी परिवार और खड़गे का फैसला मानना पड़ा’

Social Share

बेंगलुरु, 4 जून। कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद की रेस में पिछड़ने के बाद डिप्टी सीएम डीके शिवकुमार ने पहली बार खुलकर अपने दिल का दर्द बयां किया है। उन्होंने शनिवार को एक कार्यक्रम में जनता को संबोधित करते हुए कहा, ‘आप लोगों ने मुझे मुख्यमंत्री बनाने के लिए ही वोट दिया था। लेकिन क्या किया जाए, एक फैसला हुआ और मुझे वह मानना पड़ा।’

यह पहला मौका था, जब डीके शिवकुमार ने नई सरकार के गठन के बाद खुद मुख्यमंत्री न बनने पर खुलकर बात की है और दर्द भी बयां किया है। उन्होंने यह भी कहा कि गांधी परिवार और अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की सलाह पर समझौता किया है।

डीके शिवकुमार ने कहा, ‘आप लोगों ने मुझे बड़े पैमाने पर वोट दिया। आप चाहते थे कि मैं मुख्यमंत्री बनूं, लेकिन क्या कर सकते हैं? एक फैसला लिया गया। राहुल गांधी, सोनिया गांधी और मल्लिकार्जुन खड़गे ने मुझे कुछ सलाह दी। मुझे उनकी बात के आगे झुकना पड़ा। अब मुझे सब्र रखना होगा और इंतजार करना होगा।’

समर्थको से कहा – मेरी तरह ही आप सभी को धैर्य के साथ इंतजार करना होगा

डीके शिवकुमार ने डिप्टी सीएम बनने के बाद पहली बार अपने विधानसभा क्षेत्र पहुंचने पर यह बात कही। इस दौरान वह भावुक भी नजर आए, लेकिन हाईकमान के फैसले को मानने की बात कह कयासों को ठंडा भी कर दिया। कांग्रेस नेता ने अपने समर्थकों को यह भी भरोसा दिलाया कि एक दिन उनकी उम्मीदें पूरी होंगी और वह मुख्यमंत्री बनेंगे। डीके शिवकुमार ने कहा, ‘मेरी तरह ही आप सभी को धैर्य के साथ इंतजार करना होगा।’

गौरतलब है कि मई में आए कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजों में कांग्रेस को 224 सीटों वाली विधानसभा में 135 पर जीत मिली थी। इसके बाद डीके शिवकुमार और सिद्धारमैया के बीच सीएम पद को लेकर लंबी खींचतान चली थी। हालांकि हाईकमान ने डीके शिवकुमार को कम उम्र का हवाला देते हुए इंतजार करने को कहा। वहीं सिद्धारमैया को मुख्यमंत्री पद मिला है। सिद्धारमैया ने यह भी कहा कि यह उनका तो आखिरी ही कार्यकाल होगा।

संतोष के बदले शिवकुमार को क्या मिला

हालांकि उप मुख्यमंत्री पद के साथ डीके शिवकुमार को वित्त मंत्रालय दिया गया है। यही नहीं पार्टी ने उन्हें राजी करने के लिए 2024 के लोकसभा चुनाव तक प्रदेश अध्यक्ष के पद पर भी बरकरार रखा है। पार्टी ने आधिकारिक तौर पर कुछ नहीं कहा है, लेकिन डीके शिवकुमार गुट के नेता यह भी चर्चा करते हैं कि सिद्धारमैया को ढाई साल के कार्यकाल के बाद हटाकर उन्हें कमान दी जा सकती है।

Exit mobile version