बेंगलुरु, 15 मई। कर्नाटक में 18 मई को शपथ ग्रहण करने जा रही कांग्रेस सरकार की कमान किस मुख्यमंत्री के हाथों में यह रहेगी? यह हल निकालने के लिए कांग्रेस का शीर्ष नेतृत्व मंथन कर रहा है। दक्षिणी राज्य में प्रचंड जीत के बाद कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर पूर्व सीएम सिद्धारैमया और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डीके शिवकुमार के बीच टकराव की स्थिति बनी हुई है।
इस बीच डीके शिवकुमार ने सोमवार की शाम आलाकमान से बातचीत के लिए नई दिल्ली की अपनी यात्रा अचानक रद कर दी। 61 वर्षीय नेता ने खराब स्वास्थ्य का हवाला दिया। उन्होंने साथ ही यह भी कहा कि गेंद अब केंद्रीय नेताओं के पाले में है और उन्हें यह स्वीकार करना चाहिए कि जीत के पीछे कौन है।
पेट में तकलीफ का हवाला दिया, मंगलवार को दिल्ली पहुंचने की बात कही
डीके शिवकुमार ने बाद में पेट में दर्द की शिकायत की। उन्होंने कहा, ‘पेट में जलन महसूस हो रही है। ऐसा लगता है कि कोई संक्रमण है। डॉक्टर अभी आ रहे हैं। कृपया मुझे अकेले रहने दें।’ हालांकि देर रात उन्होंने मंगलवार को दिल्ली पहुंचने की बात कही।
शिवकुमार ने इसी क्रम में एक समाचार चैनल से बातचीत में कहा, ‘सोनिया गांधी ने मुझसे कहा, मुझे आप पर भरोसा है कि आप कर्नाटक का उद्धार करेंगे। मैं यहां बैठा हूं, अपनी नियमित जिम्मेदारी निभा रहा हूं। इस चीज को पहचानने के लिए आपके पास थोड़ा शिष्टाचार होना चाहिए कि इस जीत के पीछे कौन था। मैं बच्चा नहीं हूं। मेरी अपनी सोच है। अपना विजन है। मेरी ईमानदारी है। मैं बगावत नहीं करता। ब्लैकमेल नहीं करता। सिद्धारमैया को मेरी शुभकामनाएं, उनके पास पर्याप्त संख्याबल है।’
दिन में अपने दम पर 135 विधायकों को जिताने का दावा किया था
हालांकि इसके पूर्व दिन में शिवकुमार ने मुख्यमंत्री पद के अपने दावे को मजबूत करने के लिए कांग्रेस नेतृत्व के सामने अपना रिपोर्ट कार्ड प्रस्तुत कर दिया था। उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘मेरे पास दूसरों की संख्या के बारे में बोलने की ताकत नहीं है। मेरी ताकत 135 है और मैं पार्टी अध्यक्ष हूं। यह मेरी अध्यक्षता में है कि पार्टी ने 135 सीटों पर जीत हासिल की है।’
‘मैं किसी व्यक्ति की पूजा करने में विश्वास नहीं करता, पार्टी की पूजा करता हूं‘
सिद्धारमैया के पास कई विधायकों के समर्थन के दावे की चर्चाओं के बीच शिवकुमार ने कहा, ‘मैं अकेला व्यक्ति हूं। मेरे पास संख्या नहीं है। मैं किसी व्यक्ति की पूजा करने में विश्वास नहीं करता। मैं पार्टी की पूजा करता हूं।’
सिद्धारमैया पहले से दिल्ली में मौजूद
वहीं सिद्धारमैया सोमवार को दिन में ही राष्ट्रीय राजधानी पहुंचे गए हैं। पार्टी के विधायकों के मूड को भांपने के लिए कांग्रेस द्वारा तैनात पर्यवेक्षकों द्वारा अपनी रिपोर्ट सौंपे जाने के बाद केंद्रीय नेताओं ने दोनों नेताओं को दिल्ली बुलाया था। अब यह देखना दिलचस्प रहेगा कि कर्नाटक की कुर्सी सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच किसके हाथ लगती है।