लखनऊ, 27 अक्टूबर। दिवाली पर महालक्ष्मी की कृपा पाने के लिए हर तरह से तैयारियां की जाती हैं। महालक्ष्मी का एक, दो रूप नहीं आठ रूप होते हैं और इनको अष्टलक्ष्मी बोला जाता है। यदि आप जान जाए की अष्टलक्ष्मी में से महालक्ष्मी की कृपा प्राप्त करने के लिए किस तरह से पूजा करनी चाहिए तो इस दीपावली के बाद महालक्ष्मी के उस स्वरूप की कृपा आप के ऊपर साक्षात बरसेगी।
मां आदिलक्ष्मी- पहले आती हैं मां आदिलक्ष्मी। मां आदिलक्ष्मी में मां लक्ष्मी और मां सरस्वती इन दोनों के तत्त्वों का वास होता है। मां आदिलक्ष्मी बुद्धि और ज्ञान की कारक होती हैं। जिन लोगों के पास बुद्धि होती है, लोगों के पास ज्ञान होता है लेकिन वो स्किल नहीं होती है कि जिससे वो अपनी स्किल्स को अपनी क्वालीफिकेशंस को धन में कन्वर्ट कर पाएं। अगर आपको लगता है कि आपके अंदर ये वाली स्किल की कमी है तो फिर मां आदिलक्ष्मी की कृपा आपको इस दीपावली पे करनी चाहिए। मां आदिलक्ष्मी की कृपा पाने के लिए इस दीपावली वर्किंग टूल्स है उनको पूजा में जरूर रखिए। इसके बाद इनको टीका लगाएं। दीपावली की श्री सूक्त का पाठ जरूर करिएगा। मां आदिलक्ष्मी की कृपा किस तरह से आप पर बरसती है।
मां धनलक्ष्मी- अब मां आदिलक्ष्मी के बाद आती है मां धनलक्ष्मी आप लोग जो है स्किल्स के थ्रू अपने आप को धन में कन्वर्ट भी कर रहे हैं लेकिन धन की कुछ इस तरह से बरकत की कमी बन रही है कि धन आता तो बहुत है लेकिन उसके जाने के रास्ते पहले ही तैयार होते हैं कई बार तो ऐसा फील होता है कि आप खुद के लिए नहीं लोगों के लिए कमा रहे हैं। कई लोग अपनी सारी कमाई ब्याज चुकाने में या ई.एम.आई चुकाने में गवा देते हैं। कई लोगों के घर में बरकत की कमी होती है। यहां पे मां धनलक्ष्मी की कमी बहुत ज्यादा होती है। धन लक्ष्मी को प्रसन्न करने के लिए करें ये उपाय-
साउथ-ईस्ट कोना है वहां पर आप लाल रंग की रंगोली बनाइए और आपके घर का जो उत्तर है उसमें भगवान कुबेर की एक फोटो लगा दीजिए। घर के पूजा स्थान पर छोटी सी गेहूं की ढेरी बनाइए और उसके ऊपर एक दिया जलाएं। ये गाय के घी का दिया होना चाहिए। इसके बाद कमलगट्टे की माला के साथ मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें। इसके बाद इनको
मां धान्य लक्ष्मी- मां धान्य लक्ष्मी की कृपा का मतलब है कि घर में कभी भी एडिबल्स की कमी न रहे। घर के अंदर कभी भी किसी भी फैमिली मेंबर की जो जरूरतें हैं उनको पूरा करने के लिए धन आता रहे। मां धान्य लक्ष्मी की कमी को पूरा करने के लिए आपको दीपावली वाले दिन कम से कम डेढ़ मन राशन लेना है। घर के जो मेन फैमिली मेंबर उनके वजन का 10वां हिस्सा अगर यानी उनका वजन 80 किलो है तो 8 किलो राशन ये ले लीजिए। सारे परिवार जनों के हाथ लगवाएं और किसी जरूरतमंद को किसी गरीब इंसान को बड़ी श्रद्धा से दें।
मां गजलक्ष्मी- अष्टलक्ष्मी में चौथा स्वरूप गजलक्ष्मी जो होती हैं। ये जिन जिनके ऊपर मेहरबान होती हैं इनकी गुडविल बहुत होती है। मां गजलक्ष्मी की कृपा पाने के लिए मां लक्ष्मी के स्वरूप की फोटो लगाइए। जिसमें दो हाथी मां लक्ष्मी के पीछे खड़े हुए हैं। दिवाली वाले दिन मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप करें। 11 माला मां लक्ष्मी के मंत्र का जप करना है। इसके बाद श्री सूक्त का पाठ करें। ऐसा करने से मां गजलक्ष्मी की कृपा आपके ऊपर बरसती हैं। उस दिन आप हाथी को गन्ने खिलाएं।
मां गजलक्ष्मी- मां गजलक्ष्मी की कृपा पाने का दीपावली वाले दिन का बड़ा जबरदस्त उपाय है फिर पांचवें नंबर पर बारी आती है मां वीर लक्ष्मी। बहुत सारे लोग हैं जो जीवन में अच्छा पाना चाहते हैं लेकिन कुछ बड़ा करने का उनके अंदर हिम्मत ही नहीं आ पाती। वो अपने कंफर्ट जोन से निकल ही नहीं पाते उनके अंदर मां वीर लक्ष्मी की कृपा की कमी होती है। इनकी कृपा प्राप्त करने के लिए सुन्दरकाण्ड का पाठ करें। पाठ करते समय सामने तेल का दीपक जलाएं। ये उपाय मां लक्ष्मी के पूजन के बाद ही करना है।
मां विजय लक्ष्मी- महालक्ष्मी का अगला स्वरूप आता है यह स्वरूप है मां विजय लक्ष्मी। किसी भी काम में सफलता प्राप्त करने के लिए मां विजय लक्ष्मी का आशीर्वाद अवश्य होना चाहिए। इनका आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए दीपावली की रात श्मशान भूमि के गेट पर एक तेल का दिया जला के आना है। दूसरा तेल का दिया आपने अपने घर के मुख्य द्वार पर जलाना है और तीसरा तेल का दिया किसी पीपल के पेड़ के नीचे जला के आना है। दिया जलाते समय मां लक्ष्मी के मंत्रों का जाप अवश्य करें। मां विजय लक्ष्मी की आशीर्वाद पाने का एक बड़ा जबरदस्त उपाय है।
सातवीं हैं मां ऐश्वर्य लक्ष्मी- पैसा कमाने के बाद भी खुद पैर खर्च नहीं कर पा रहे तो दिवाली वाले दिन बैठी हुई मुद्रा में मां लक्ष्मी की छोटी सी फोटो पूजा स्थान पर रखिए। महालक्ष्मी के पूजन के बाद इस तस्वीर को अपने घर की तिजोरी में या आपका जो भी धन स्थान है या दुकानदार है तो गल्ले में स्थापित कर दीजिएगा। मां ऐश्वर्या लक्ष्मी की कृपा आप पर सीधे होने शुरू हो जाएगी।
आठवीं महालक्ष्मी अष्टलक्ष्मी में आठवा स्वरूप मां संतान लक्ष्मी- यहां पर तीन तरह की दिक्कतें होती है तो मां संतान लक्ष्मी की कृपा नहीं होती है। एक तो उन लोगों के संतान हो नहीं पाती है, दूसरे संतान है लेकिन वह नालायक संतान है और तीसरे संतान है लेकिन उनके कुछ हेल्थ के ऐसे रीजन है जिसकी वजह से संतान का सुख नहीं मिल पा रहा है। इस दिन किसी जरूरतमंद को दवाइयों का दान करें। एक या एक से ज्यादा लोगों को।