जयपुर, 4 दिसम्बर। राजस्थान विधानसभा चुनाव में भाजपा को मिली शानदार जीत के बाद अब मुख्यमंत्री पद को लेकर रेस तेज हो गई है। सूत्रों का तो यह भी कहना है कि सीएम की कुर्सी के लिए पार्टी में तकरार बढ़ सकती है।
प्राप्त जानकारी के अनुसार चुनाव जीतने के बाद पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व ने राजस्थान के योगी कहे जाने वाले बाबा बालकनाथ को दिल्ली बुलाया है। इस खबर के बाहर आते ही पूर्व सीएम और प्रचार अभियान में सबसे ज्यादा रैलियां करने वालीं वसुंधरा राजे के आवास पर भी विधायकों के जुटना शुरू हो गया। भाजपा की ओर से सीएम कौन होगा, फिलहाल तय नहीं है। लेकिन पार्टी नेताओं के बीच बढ़ी हलचल यह बता रही है कि सीएम की कुर्सी को लेकर तनातनी बढ़ सकती है।
ये विधायक पहुंचे मिलने
इस बीच पूर्व सीएम वसुंधरा राजे से मिलने के लिए उनके आवास पर उनके करीबी विधायक और पूर्व चिकित्सा मंत्री कालीचरण सराफ के अलावा अन्य कई नेता पहुंचे। इनमें बाबू सिंह राठौड़, प्रेमचंद बैरवा, बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी सहित कई बड़े नेता शामिल हैं। इसके अलावा झालावाड़ के मनोहरपुर थाना विधायक गोविन्द रानीपुरीया, किशनगंज विधायक ललित मीणा, अंता विधायक कंवरलाल मीणा, बारां विधायक राधेश्याम बैरवा, डग से जीते कालूलाल मीणा, गुढ़ामलानी विधायक केके विश्नोई, पुष्कर विधायक सुरेश रावत व बांदीकुई विधायक भागचंद टाकड़ा भी सिविल लाइंस स्थित वसुंधरा के आवास पर पहुंचे।
चौंका सकता है भाजपा हाईकमान का फैसला
कुल मिलाकर देखें तो राजस्थान में सीएम पद को लेकर तेज हुई रेस में सात से आठ ऐसे बड़े नाम हैं, जिनकी चर्चा जमकर हो रही है। पार्टी की ओर से इस बार पीएम मोदी के नाम पर चुनाव लड़ा गया था। चुनाव से पहले मुख्यमंत्री के नाम की घोषणा नहीं की गई थी। चुनाव जीतने के बाद कहा जा रहा है कि विधायकों की बैठक के बाद जिनके नामों का सुझाव आएगा, उस पर पार्टी फैसला कर मुख्यमंत्री का चेहरा तय कर देगी। ऐसे में माना जा रहा है कि भाजपा हाईकमान का फैसला चौंकाने वाला होगा।
सीएम पद की रेस में ये हैं प्रमुख चेहरे
वैसे देखा जाए तो पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के अलावा राजसमंद सांसद दीया कुमारी, केंद्रीय मंत्री व जोधपुर सांसद गजेंद्र सिंह शेखावत, बाबा बालक नाथ, दिग्गज नेता ओम माथुर और नारायण पंचारिया भी सीएम पद के दावेदारों में शामिल हैं।
वसुंधरा राजे : दो बार की सीएम और झालरापाटन विधायक वसुंधरा राजे शीर्ष पद की दौड़ में सबसे आगे हैं। राजे के पास लगभग 45 भाजपा विधायक हैं, जिनके लिए उन्होंने कुछ निर्दलीय उम्मीदवारों को प्रबंधित करने के अलावा टिकट दिलवाया। अटकलें तो ऐसी भी लगाई जा रही हैं कि राजे को सीएम बनाया जा सकता है और उनके अधीन दो डिप्टी नियुक्त किए जा सकते हैं।
गजेंद्र सिंह शेखावत : उधर गजेंद्र सिंह शेखावत 2019 के लोकसभा चुनाव में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के बेटे वैभव को हराने के बाद भाजपा के चहेते बन गए थे और केंद्र में उन्हें महत्वपूर्ण जल शक्ति मंत्रालय दिया गया।
दीया कुमारी : पूर्ववर्ती जयपुर शाही परिवार से ताल्लुक रखने वालीं राजसमंद की सांसद दीया कुमारी भी प्रबल दावेदार हैं। वह पहले सवाई माधोपुर से विधायक थीं। वह एक साफ-सुथरी और करिश्माई चेहरा हैं, जो आरएसएस की भी पसंदीदा पसंद हैं।
बाबा बालकनाथ : अलवर के सांसद और तिजारा उम्मीदवार बाबा बालकनाथ भी अग्रणी नामों में शामिल हैं क्योंकि वह एक मजबूत हिन्दुत्व चेहरे का प्रतिनिधित्व करते हैं। 39 वर्षीय बालकनाथ ने छह वर्ष की उम्र में घर छोड़ दिया था और एक श्रद्धेय संन्यासी बन गए।
बाबा बालकनाथ राजस्थान की राजनीति में लोकप्रिय नेता अहम भूमिका निभाते हैं। फिलहाल भाजपा में शीर्ष पद के लिए अपनी पसंद से सभी को आश्चर्यचकित करने की प्रवृत्ति है, इसलिए केवल समय ही बताएगा कि पार्टी राजस्थान का नेतृत्व करने के लिए किसे चुनेगी।