नई दिल्ली, 17 मार्च। पांच राज्यों के हालिया विधानसभा चुनावों में कांग्रेस की दुर्गति के बाद पार्टी के अंदर विरोध के स्वर तेज होने लगे हैं। इस क्रम में राहुल गांधी का नेतृत्व असंतुष्ट नेताओं को किसी कीमत पर स्वीकार नहीं हैं और वे इस मांग पर अड़े हैं कि पार्टी के संगठनात्मक चुनाव तत्काल कराये जाएं।
असंतुष्टों की बात सोनिया गांधी तक पहुंचाएंगे गुलाम नबी आजाद
देखा जाए तो कल तक जो विरोध सिर्फ ‘जी 23’ तक सीमित था, वह अब बड़ा रूप लेता जा रहा है और पार्टी में खुले विद्रोह के हालात बनने लगे हैं। इसी कड़ी में जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद के निकटस्थ सूत्रों पर भरोसा करें तो असंतुष्टों की बात सोनिया गांधी तक पहुंचाने के लिए गुलाम नबी जल्द ही उनसे मुलाकात करने जा रहे हैं।
राहुल से मिले भूपेंद्र हुड्डा, हरियाणा कांग्रेस अध्यक्ष सैलजा को हटाने की मांग रखी
इस बीच आजाद के आवास पर बुधवार को रात्रिभोज पर हुई चर्चा के बाद हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र हुड्डा ने गुरुवार को राहुल गांधी से मुलाकात की और प्रदेश अध्यक्ष कुमारी सैलजा को तत्काल हटाने की मांग के साथ ही साफ कर दिया कि अगर ऐसा नहीं किया गया तो राज्य में पार्टी टूट जाएगी।
कपिल सिब्बल का गांधी परिवार सहित कई नेताओं पर हमला
वहीं कपिल सिब्बल ने समूचे गांधी परिवार, केसी वेणुगोपाल, रणदीप सिंह सुरजेवाला, अजय माकन सरीखे लोगों को उनके पदों से हटाने की खुली मांग कर डाली है। बैठक में मौजूद एक वरिष्ठ नेता ने बताया कि अगर सोनिया पार्टी में एकजुटता कायम रखना चाहती हैं तो राहुल को हटाना होगा क्योंकि बिना किसी पद के वह अब भी फैसले कर रहे हैं, जो अब स्वीकार नहीं है। चिंतन शिविर का अब कोई महत्व नहीं है, नेतृत्व को संगठनात्मक चुनाव करा कर जीते हुए नेताओं को जिम्मेदारी सौंपनी होगी, तभी पार्टी का विभाजन रुक सकता है।
शरद पवार के नेतृत्व में नया मोर्चा खड़ा करना चाहता है असंतुष्ट खेमा
असंतुष्ट खेमे से मिले संकेतों के अनुसार ये नेता गांधी परिवार को हटाकर शरद पवार के नेतृत्व में समान विचारों वाले दलों का नया मोर्चा खड़ा करना चाहते हैं, जिसमें पवार के अलावा ममता बनर्जी, केसीआर, अखिलेश यादव सहित दूसरे नेताओं को शामिल किया जा सके।