नई दिल्ली, 2 अक्टूबर। भारत और चीन के बीच इसी माह सीधी हवाई सेवा फिर बहाल होगी। दोनों देशों ने लंबे समय बाद सीधी उड़ानों को फिर शुरू करने पर सहमति दी है। यह कदम गलवान संघर्ष के बाद पांच वर्षों तक तनावपूर्ण रिश्तों के बाद उठाया गया है। विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को इस आशय की आधिकारिक घोषणा की। इसके बाद निजी एयरलाइन कम्पनी IndiGo ने भी एलान किया है कि वह 26 अक्टूबर से भारत-चीन के बीच प्रत्यक्ष उड़ानों को फिर से शुरू करेगी।
विदेश मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ‘इस वर्ष की शुरुआत से ही भारत और चीन के बीच संबंधों को धीरे-धीरे सामान्य करने के सरकार के दृष्टिकोण के तहत दोनों देशों के नागरिक उड्डयन प्राधिकरणों ने तकनीकी स्तर पर वार्ता की है ताकि सीधी हवाई सेवाओं को फिर से शुरू किया जा सके और एयर सर्विसेज एग्रीमेंट में संशोधन किया जा सके।’ सीधी उड़ानें डोकलाम विवाद के बाद बंद कर दी गई थीं और कोविड-19 महामारी के कारण इसे और आगे टाला गया।
अक्टूबर के अंत तक शुरू होंगी विमान सेवाएं
विदेश मंत्रालय के अनुसार अब बातचीत के बाद तय हुआ है कि भारत और चीन के हवाई मार्गों पर सीधी उड़ानें अक्टूबर 2025 के अंत तक शुरू हो जाएंगी। ये उड़ानें दोनों देशों की एयरलाइंस की व्यावसायिक मंजूरी और सभी संचालन नियमों के पालन पर निर्भर होंगी। इस समझौते से दोनों देशों के लोगों के बीच संपर्क आसान होगा और द्विपक्षीय रिश्ते धीरे-धीरे सामान्य होंगे।
26 अक्टूबर से विमानों का संचालन शुरू करेगी IndiGo
IndiGo ने कहा कि हाल की कूटनीतिक पहल के बाद एयरलाइंस ने अपनी सेवाओं को मुख्यभूमि चीन के लिए फिर से शुरू करने की घोषणा की है। इस कड़ी में कोलकाता से ग्वांग्झू (CAN) के बीच दैनिक, गैर-स्टॉप उड़ानें 26 अक्टूबर 2025 से संचालित की जाएंगी।
एयरलाइन ने यह भी बताया कि वह दिल्ली और ग्वांग्झू के बीच प्रत्यक्ष उड़ानों को जल्द ही शुरू करेगी। इन उड़ानों के संचालन के लिए Airbus A320neo विमानों का उपयोग किया जाएगा। इससे दोनों देशों के बीच व्यापार, रणनीतिक साझेदारियों और पर्यटन के नए अवसरों को पुनःस्थापित किया जा सकेगा।
चीनी विदेश मंत्री के दौरे के बाद लिया गया था फैसला
गौरतलब है कि सीधी उड़ानों को फिर से शुरू करने की पहली घोषणा पिछले माह चीन के विदेश मंत्री वांग यी की नई दिल्ली यात्रा के बाद की गई थी। पिछले वर्ष से दोनों देशों के रिश्तों में सुधार हो रहा है। 2024 के अंत में देपसांग और डेमचोक में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर सैनिकों की वापसी और भरोसेमंद कदम उठाने से रिश्ते स्थिर हुए हैं। इसमें उच्च स्तर की कूटनीतिक और सैन्य बातचीत, ट्रैक-2 बातचीत और कुछ व्यापार प्रतिबंधों में ढील शामिल है।

