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नहीं रहे दिलीप कुमार, 98 वर्ष की उम्र में ट्रेजडी किंग ने ली अंतिम सांस

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मुंबई, 7 जुलाई। भारतीय हिन्दी सिनेमा की किंवदंतियों में एक वयोवृद्ध अभिनेता दिलीप कुमार का बुधवार की सुबह यहां खार स्थित हिंदुजा अस्पताल में निधन हो गया। बॉलीवुड में ‘ट्रेजडी किंग’ के नाम से लोकप्रिय 98 वर्षीय कलाकार को सांस लेने में तकलीफ के चलते मंगलवार की दोपहर अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां उन्होंने सुबह लगभग 7.30 बजे अंतिम सांस ली। उन्हें आज ही शाम पांच बजे मुंबई के जुहू कब्रिस्तान में सुपुर्द-ए-खाक किया जाएगा।

दिलीप कुमार के निधन के साथ ही हिन्दी सिनेमा के एक युग का अंत हो गया है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, कांग्रेस नेता राहुल गांधी, कई राज्यों के मुख्यमंत्री और बॉलीवुड के दिग्गजों ने दिलीप कुमार के निधन पर शोक व्यक्त किया और इस दिग्गज कलाकार को नमन किया।

दिलीप कुमार के निधन की खबर से भारतीय फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर है। आमजन के अलावा फिल्मी हस्तियां भी सोशल मीडिया पर नम आंखों से दिलीप साहब को श्रद्धांजलि दे रही हैं।

दिलीप कुमार को पिछले एक माह में दूसरी बार अस्पताल में भर्ती कराया गया था। इससे पहले वह गत पांच जून को भी हिंदुजा अस्पताल में ही भर्ती हुए थे और छह दिन बाद उन्हें छुट्टी दे दी गई थी। गत पांच जुलाई को ही दिलीप कुमार के ट्विटर हैंडल से उनकी हेल्थ पर अपडेट दिया गया था। पत्नी सायरा बानो द्वारा बयान में कहा गया था कि दिलीप कुमार की तबीयत में सुधार हो रहा है। आप उन्हें अपनी दुआओं में रखें। लेकिन इस हेल्थ अपडेट के दो दिन बाद ही दिलीप कुमार ने इस दुनिया को अलविदा कह दिया।

11 दिसंबर, 1922 को ब्रिटिश इंडिया के पेशावर (अब पाकिस्तान में) में जन्मे में दिलीप कुमार का असली नाम मोहम्मद यूसुफ खान थो. यूसुफ खान ने अपनी पढ़ाई नासिक में की थी। राज कपूर बचपन में ही उनके दोस्त बन गए थे और सही मायने में वहीं से दिलीप कुमार का सफर बॉलीवुड में शुरू हो गया था। करीब 22 वर्ष की उम्र में ही दिलीप कुमार को पहली फिल्म मिल गई थी। 1944 में उन्होंने फिल्म ‘ज्वार भाटा’ से अपने फिल्मी करिअर की शुरुआत की थी। लेकिन इस फिल्म की अधिक चर्चा नहीं हो पाई थी।

दिलीप कुमार ने लगभग पांच दशक के करिअर में 60 से ज्यादा फिल्में की थीं। उन्होंने कई फिल्मों का ऑफर ठुकरा भी दिया था क्योंकि उनका मानना था कि फिल्में कम हो, लेकिन बेहतर हों। हालांकि दिलीप कुमार को इसका दर्द भी रहा था कि वह प्यासा व  दीवार सरीखी फिल्मों में काम नहीं कर पाए थे।

दिलीप कुमार ने वर्ष 1966 में सायरा बानो से शादी की थी, जो खुद भी एक अभिनेत्री थीं। जब दोनों की शादी हुई, तब सायरा बानो उनसे 22 वर्ष छोटी थीं। दिलीप कुमार ने आसमा साहिबा से भी शादी की थी। हालांकि वह शादी सिर्फ 1983 तक चली थी। लेकिन सायरा बानो के साथ दिलीप कुमार का साथ अंतिम सांस तक बना रहा।

‘ज्वार भाटा’ से फिल्मी करिअर की शुरुआत करने वाले दिलीप कुमार की यादगार फिल्मों में शहीद, मेला, नदिया के पार, बाबुल, फुटपाथ, यहूदी, देवदास, नया दौर, मुगल-ए-आजम, गंगा-जमुना, राम और श्याम, करमा आदि रहीं। उनकी आखिरी फिल्म किला थी, जो 1998 में आई थी।

देश के दूसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म विभूषण, पद्म भूषण के अलावा बॉलीवुड के सर्वोच्च सम्मान दादा साहेब फाल्के अवॉर्ड सहित अनके पुरस्कारों से नवाजे जा चुके दिलीप कुमार वर्ष 2000 से वर्ष 2006 तक राज्यसभा सांसद भी रहे। पाकिस्तान ने भी दिलीप कुमार को अपने सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘निशान-ए-इम्तियाज’ से नवाजा था।

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